सिरदला के शिक्षक को राजकीय सम्मान

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नवादा : बिहार में नवादा के सिरदला प्रखंड अंतर्गत बीके साहू इंटर विद्यालय के शिक्षक को 5 सितम्बर को राजकीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। ये शिक्षक हैं राजेश कुमार भारती जिन्होंने प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा, इतिहास में स्नातक, शिक्षा से स्नातक, ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर, शिक्षा विषय से स्नातकोत्तर और इतिहास से भी स्नातकोत्तर की डिग्रियां प्राप्त की हैं। ये हेमजा भारत के एक ऐसे विद्यालय में अध्यापन कर रहे हैं, जो 10 साल पहले अंधेरे में गुम था। शिक्षा की कहीं भी कोई रोशनी नहीं दिख रही थी। वहां दीप जलाने का प्रयास इनके द्वारा किया गया। बाद में वही प्राथमिक विद्यालय हेमजा भारत (सिरदला) मिडिल स्कूल बना (2009) और अब इंटर विद्यालय भी (2014) बना। इन फासलों को चंद सालों में तय करना इतना आसान नहीं था और इसी सफर को आसान बनाकर राजेश कुमार भारती ने साबित किया की शिक्षा कहीं दूर नहीं बसती है, बल्कि शिक्षा शून्य किलोमीटर की दूरी पर आपका स्वागत कर रही है। जरूरत है हमें ग्रहण करने की, सीखने की, तैयारी करनी होगी उसे पाने की।
प्राथमिक विद्यालय हेमजा भारत का इलाका नक्सल प्रभावित होने के कारण यहां पदाधिकारियों का आना—जाना भी बिल्कुल शून्य ही था। इसके बावजूद यहां के बच्चों को पंख मिले और वे उड़ने की सोचने लगे। यह राजेश कुमार की कोशिशों का ही परिणाम था।

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अब यह बच्चे काफी आगे की सोच रहे हैं। जब सरकार पोशाक राशि नहीं देती तब राजेश कुमार ने अपने पैसों से बच्चों में यूनिफॉर्म की आदत डालनी शुरू की। उनकी पोशाक और अब विद्यालय का भवन किसी भी प्राइवेट विद्यालय को मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है। दिन रात मेहनत से स्कूल को आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया‌। स्वयं तथा गांव के अभिभावकों से सहयोग लेकर बिना किसी सरकारी सहायता के चहारदीवारी भी बनायी गयी ताकि पेड़—पौधे सुरक्षित रह सकें और बच्चे भी अनुशासित रहें।
साल 2009 में इस विद्यालय में आठवीं तक की पढ़ाई शुरु हो गयी। बच्चों का मनोबल बढ़ चुका था। खेलने के लिए खेल सामग्रियों की कमी नहीं थी। बच्चों ने कठिन मेहनत की और कई ऐसी प्रतिस्पर्धाओं में राज्य स्तर पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रखंड विकास पदाधिकारी सिरदला द्वारा भी सम्मानित किया गया तथा राज्य से भी उन्हें प्रशस्ति प्रमाण पत्र मिले ।
जिले के माननीय सांसद भोला सिंह तो 2014 में इस विद्यालय में आकर इसे इंटर विद्यालय का दर्जा दिलाने की घोषणा की और अब यह इंटर विद्यालय बन चुका है ।
उस गांव में शिक्षक के रूप में पदस्थापित होने से पहले उसी गांव की सैकड़ों महिलाओं को स्वयंसिद्धा परियोजना से जोड़कर, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सांस्कृतिक आर्थिक गतिविधियों में भी राजेश कुमार ने अपना अहम योगदान दिया। उनके इन्हीं प्रयासों को देखते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।

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