नवादा : नरहट प्रखंड मुख्यालय स्थित उपडाकघर में पिछले दो दिनों से ताला लटका हुआ है। ऐसे में डाक सेवा तो बाधित है ही, बैंकिग और जमा—निकासी भी ठप है। इसका कारण उप डाकपाल का फरार होना है। डाकपाल के विरुद्ध जांच और प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके चलते वे गिरफ्तारी के डर से पोस्ट आॅफिस में ताला लगाकर फरार हो गए।
क्यों हुए फरार, क्या है पूरा मामला?
नरहट उपडाकघर से विभिन्न रोगों व गुप्त रोगों के ईलाज संबंधी आयुर्वेदिक दवाओं का फर्जी पार्सल भेजने की शिकायत पुलिस को प्राप्त हुई थी। जांच के क्रम में सारे खेल में उप डाकपाल समेत चार अन्य लोगों की संलिप्तता पाई गई थी। थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार ने पार्सल को जब्त कर जांच आरंभ की थी जिसमें दवा के बजाय लकङी का बुरादा, सत्तू आदि पाए गए। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर नरहट के दो लोगों को गिरफ्तार कर आगे जांच शुरू कर दी गई।
इलाके में पार्सल पाने वाले के नाम का कोई नहीं
आश्चर्य तो यह कि जिस महेश कुमार वैद्य के नाम से पार्सल भेजा जाता था, उस नाम का कोई वैद्य नरहट या उसके आसपास कहीं है ही नहीं। पूरा मामला फर्जीवाड़ा का है जिसमें उप डाकपाल की भूमिका संदेहास्पद रही है।
पुलिस ने दवा की करवाई जांच
थानाध्यक्ष ने जब्त आयुर्वेदिक दवा की जांच पटना के ड्रग निरीक्षक से करायी, जिसमें एक भी दवा सही नहीं पायी गई। ऐसे में सारा मामला फर्जीवाड़े का निकला। बस पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया और उप डाकपाल की गिरफ्तारी भी तय हो गई। सारा सबूत उप डाकपाल के विरुद्ध पाये जाने पर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वे उपडाकघर में ताला बंद कर फरार हो गए। बगैर विभाग को सूचना दिये या प्रभार सौंपे उप डाकपाल के अनुपस्थित रहने से उप डाकघर में ताला लटक गया। उप डाकघर से जुङे खनवां के डाकपाल रविन्द्र नाथ शाही कहते हैं कि सूचना प्रधान डाकघर नवादा को दी गयी है। बावजूद अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। इससे आम लोग परेशान होकर उप डाकघर से खाली हाथ वापस लौटने पर मजबूर हैं।
(रवीन्द्र नाथ भैया)