मगही फिल्म- बिधना नाच नचावे

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Bidhna Naach nachave

भाषाओं भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका, मैथिली व मगही ऐसी भाषाएं हैं, जो राजधानी पटना समेत कई जिलो में मातृभाषा के रूप मे प्रचलित हंै। बोलचाल में अनेकता का भरपूर भाव ही इसके विकास में बाधा उत्पन्न करती है और संभवतः इसी कारण सरकारी दर्जा प्राप्त नहीं होने के कारण प्रदेश की अन्य भाषाओं, भोजपुरी और मैथिली से नीचे आ चुकी है, जबकि यह भाषा प्राचीन काल से चन्द्रगुप्त काल मे राज्य भाषा के रूप मे प्रचलित भाषा रही है। बावजूद इसके वर्तमान समय मे यह गर्त मे समा चुकी है। वर्तमान में इस राज्य के संचालनकर्ता की मातृभाषा मगही ही है। इस भाषा के विकास को समर्पित व्यक्तित्व मगही भाषा के लेखक प्रभात वर्मा की संकल्प शक्ति का परिणाम कई दशकों बाद आने वाली प्रभात फिल्म्स प्रोडक्शन की सामाजिक पारिवारिक फिल्म ’विधना नाच नचावे’ लोक भाषा संस्कृति, लोक कृति की सजीवता के साथ ऐसी प्रस्तुति है, जो हर मगही भाषियों को लुभाने के साथ मातृभाषा का महत्व समझने में सक्षम है।
इस फिल्म मे सात गाने हैं, जिसके गीत प्रभात वर्मा ने ही लिखे हैं। गीतों को संगीत से संवारा है मुंबई के रीतेश मिश्रा और पटना साहिब के पप्पू जिमी गुप्ता ने। स्वर दिया है मुम्बई के रूपेश मिश्रा और स्थानीय गायक आलोक चैबे, सुमित भट्ट, खुशबु उत्तम, पूनम और अन्य साथियों ने।

फिल्म का निर्माण मगही भाषा के विकास के लिए समर्पित व्यक्तित्व मगही की दर्जनों पुस्तक के लेखक, वरिष्ठ साहित्यकार-पत्रकार, कथाकार, गीतकार, निर्माता, निर्देशक प्रभात वर्मा द्वारा की गई है।
पारिवारिक समाजिक कथा-कहानी पर आधारित यह फिल्म गांव की एक अनाथ बच्ची की जीवन गाथा है, जो विधाता के बनाये इस संसार में संघर्ष के थपेड़ों के बीच दुःख-सुख के साथ एक साधु के सहारे जीवन गुजारती है। फिर उनके असामयिक मौत के बाद अपने एकलौते बेटे के साथ विधुर जीवन जीने वाले मास्टर दरोगी के सहारे बेटी-बहू बनती तो है। परंतु बेटे के जीवन मे प्रेमिका के प्रवेश के कारण दुःख झेलने को विवश होती है।

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Bidhna Naach nachave poster

फिल्म में कलाकार अपनी अदाकारी का शानदार नमूना पेश करते दिखते हैं, जिसमें मुख्य भूमिका निभाई है, छोटी रधिया बनी अंशिका वर्मा, मास्टर दरोगी बने प्रभात वर्मा, मास्टर दरोगी के बडाहील के रूप मे नटुआ की भूमिका मे मुकेश चित्रांश, बड़ी रधिया की भूमिका में प्रियंका सिन्हा, ऐश्वर्या झा प्रेमिका की और मथुरा का किरदार निभाया है कृतन अजीतेश ने। वहीं ग्रामीण पंच के मुख्य कलाकारों में चन्द्रमणि पाण्डेय, मथुरा के साथी रमेश की भूमिका में रणधीर कुमार हैं। अन्य कलाकारों में लाल बहादुर प्रसाद, सरविन्द कुमार, ब्रजेश कुमार, डॉ. सविता मिश्र मागधी, शम्भू शरण सिंह, सतीश कुमार, ममता सिंह, पूजा वर्मा, अनूपलाल ऋषि, गोपाल मिश्रा, अजीत कुमार, अजय मेहता समेत कई अन्य कलाकारों की भूमिका सराहनीय रही है।

इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक, गीतकार व कलाकार प्रभात वर्मा का कहना है कि विधना या विधाता के बनाए इस संसार में ऊपर वाले के इशारे पर नाचते हुए अनेक थपेड़ों के बीच दुःख-सुख से गुजरने वाले मनुष्य की जीवन गाथा को दर्शाती यह फिल्म कई मायने में विशेष है, जो हर किसी को अपना सा लगेगा। इस फिल्म को सपरिवार देखकर मगधवासी तो गौरवान्वित महसूस करेंगे ही, अन्य भारतीय भाषा-भाषी भी इस सामाजिक, पारिवारिक फिल्म में अपनापन का एहसास करेंगे। फिल्म को सेंसर बोर्ड से यू सर्टिफिकेट मिल चुका है। अब जल्द ही सिनेमाघरों में दर्शको के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

(प्रशांत रंजन)

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