दरभंगा : दरभंगा की मैथिली साहित्यकार डाॅ. वीणा ठाकुर को उनके कथा-संग्रह ‘परिणीता’ के लिए इस वर्ष मैथिली का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जायगा। अकादमी में मैथिली के प्रतिनिधि डाॅ. प्रेम मोहन मिश्र ने आज यहां बताया कि दिल्ली में निर्णायक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में शेफालिका वर्मा, ताराकांत झा एवं विवेकानन्द ठाकुर ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया था। कार्यकारिणी ने आज इस पर मुहर लगाई है। साहित्य अकादमी की पूर्व प्रतिनिधि डाॅ. ठाकुर को पुरस्कार के लिए चुने जाने से मैथिली-जगत में प्रसन्नता की लहर है। अकादमी द्वारा आयोजित समारोह में श्रीमती ठाकुर को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मधुबनी जिले के भवानीपुर गांव में प्रो. श्रीमोहन ठाकुर के घर पुत्री-धन के रूप में 19 मार्च 1954 को जन्म लेनेवाली और दरभंगा के पंचोभ गांव में पशु चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. दिलीप कुमार झा की पत्नी डाॅ. ठाकुर वर्तमान में बिड़ला फाउंडेशन के प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान के लिए गठित मैथिली भाषा समिति की संयोजिका हैं। श्रीमती ठाकुर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग में विभागाध्यक्ष भी रह चुकीं हैं।
डाॅ. ठाकुर की मैथिली में उपन्यास ‘भारती’, कथा-संग्रह ‘आलाप’, समीक्षा ‘मैथिली रामकाव्यक परम्परा’, ‘विद्यापतिक उत्स’, ‘इतिहास दर्पण’, ‘वाणिनी’, ‘मैथिली गीत साहित्यक विकास आ परंपरा’ तथा अनुवाद की पुस्तकें ‘हाट-बजार’ और ‘आधुनिक भारतीय कविता संचयन : हिंदी’ प्रकाशित हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘विद्यापति गीत रचनावली’, ‘मैथिली प्रबंध काव्यक उद्भव ओ विकास’ सहित कई पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का संपादन भी किया है।
इधर, डा. ठाकुर के चयन पर स्थानीय कवि-सहित्यकारों ने प्रसन्नता का इजहार किया है। पूर्व प्रधानाचार्य डाॅ. रूपनारायण चौधरी, मैथिली के वरिष्ठ कवि प्रो. शिवाकान्त पाठक, अकादमी के अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित डाॅ. योगानंद झा, साहित्य अकादमी के मैथिली परामर्श मंडल के सदस्य प्रो. अमलेन्दु शेखर पाठक ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्रीमती ठाकुर को बधाई दी है।