सितामढ़ी : एके—47 की दनदनाती गोलियों से मंगलवार को सितामढ़ी सिविल कोर्ट अचानक दहल उठा। दिनदहाड़े हुई इस घटना में कुख्यात अपराधी संतोष झा मौके पर ही ढेर हो गया, जबकि सिविल कोर्ट का एक अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी के अनुसार पुलिस ने मौके पर ही एक हमलावर को दबोच लिया है।
कोर्ट में पेशी के दौरान हुई घटना
प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को कई कांडों में आरोपित संतोष झा को पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था। तभी पहले से घात लगाए प्रतिद्वंद्वी अपराधी गिरोह के तीन शूटरों ने उस पर ताबड़तोड़ अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां बरसा दी। संतोष झा को सिर और सीने में कई गोलियां लगीं और उसने वहीं दम तोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद दो अपराधी तो फरार होने में सफल रहे लेकिन एक शूटर को दबोच लिया गया। आश्चर्य यह कि पुलिस को ऐसे हमले का अंदेशा पहले से था और उसे आम कैदी वाहन की जगह, विशेष जीप से कोर्ट लाया गया था। यही नहीं, उसके साथ हमेशा छह हथियारबंद जवान सुरक्षा में तैनात रहते थे। इसके बावजूद हत्यारे अपनी योजना में सफल रहे। फायरिंग के बाद कोर्ट परिसर और आसपास अफरा—तफरी मच गई। लोग इधर—उधर भागने लगे। एसपी ने तीन शूटरों के इस कांड में शामिल होने की बात कही है।
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दो इंजीनियरों की हत्या में जेल में था बंद
गौरतलब है कि संतोष झा ने अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत नक्सली कमांडर के तौर पर किया। शुरू में वह माओवादी समर्थक था लेकिन धीरे—धीरे उसने खालिस अपराध की ओर खुद को मोड़ लिया। फिर तो सीतामढ़ी, शिवहर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में उसकी तूती बोलने लगी। अब वह एक बहुत बड़ा गैंगस्टर बन गया। बहुचर्चित दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में संतोष झा गैंग ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। इन्ही दो हत्याओं के मामले में संतोष झा फिलहाल जेल में बंद था। शिवहर के रहने वाले संतोष झा ने बहुत कम वक्त में जरायम की दुनिया में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था। अभी थोड़े दिन पहले ही संतोष झा गैंग के अभिषेक झा की मोतिहारी के ढाका सिविल कोर्ट परिसर में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।