वित्तरहित शिक्षकों ने सरकार से की न्याय की मांग

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सारण : माध्यमिक इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज कर्मियों के ‘अनुदान नहीं, वेतनमान फोरम’ द्वारा छपरा के स्थानीय एकता भवन में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमे वित्तरहित शिक्षा समस्या व समाधान विषय पर चर्चा की गई। अध्यक्षता एसडीएस कॉलेज छपरा के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह ने किया। इस सेमिनार में सारण, सीवान, गोपालगंज, वैशाली, भोजपुर, बेतिया और मोतिहारी जिला के माध्यमिक, इंटर और डिग्री, तीनों विंग्स के वित्तरहित शिक्षकों—कर्मियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई जिसमें एमएलसी प्रोफेसर नवल किशोर यादव, डॉ वीरेंद्र नारायण यादव, केदारनाथ पांडेय, पूर्व एमएलसी चंद्रिका सिंह, छपरा के विधायक डॉक्टर सेन गुप्ता, संस्थापक सचिव अशोक कुमार सिंह ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलित किया। वक्ताओं ने सेमिनार में बोलते हुए बिहार सरकार के सामने अपनी कई मांगों का एजेंडा रखा। इसमें कहा गया कि पूर्व से निर्धारित वेतनमान को अविलंब लागू किया जाए तथा सरकार द्वारा निर्गत अनुदान राशि का भुगतान निर्धारित मापदंडों के अनुरूप समानुपातिक रूप से किए जाने हेतु प्रबंध समिति को निर्देश जारी किया जाए। अनुदान राशि को एकमुश्त भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा सीधे इन संस्थानों में कार्यरत कर्मियों के संधारित खातों में किए जाने व सेवाशर्त का निर्धारण कर सेवानिवृत्ति 60 को बढ़ाकर 65 करने की मांग की गयी। कर्मियों की सेवा सरकारी संवर्ग में सामायोजित करने की मांग समेत अन्य मांगों पर चर्चा की गई तथा सरकार के प्रतिनिधित्व कर रहे अतिथियों से निवेदन किया गया कि मांगों को सरकार के पास रखें। इस अवसर पर चंद्रमा सिंह, बिपिन बिहारी श्रीवास्तव, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, विश्वनाथ सिंह, प्रोफेसर पृथ्वीनाथ ओझा, प्रोफेसर अरविंद गिरी, प्रोफेसर मंजू, प्रोफेसर आशा गुप्ता, प्रोफेसर अनिता कुमारी, प्रोफेसर सरिता कुमारी, प्रोफेसर विजय नारायण, प्रोफेसर हिमांशु, प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर उमेश सिंह, प्रोफेसर बृजेश, प्रोफेसर अतुल तिवारी, प्रोफेसर रंजन कुमार सिंह, प्रोफेसर सुनील दुबे आदि ने हिस्सा लिया।

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