राजधानी पटना में एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू है। सड़क किनारे से अवैध कब्जे को हटाकर सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। इससे सड़क पर चलने वालों को सुविधा होगी। लेकिन, इस अभियान का एक दूसरा पहलू भी है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के कारण फुटपाथी दुकानदार, फलविक्रेता व अन्य ठेले—खोंमचे वाले चिंतित हैंं। इनका कहना है कि जब भी सरकार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाती है, तो एक पक्षीय कार्रवाई होती है। अगर एक तरफ अवैध कब्जा हटाया जाता है, तो दूसरी ओर फुटपाथी दुकानदारों के लिए अगल वेंडिंग जोन आवंटित किया जाना चाहिए।
बोरिंग रोड चौराहे पर फल विक्रेताओं को दुकान समेटने का आदेश दिया गया है। इसके बाद से दुकानदारों ने बैनर लगाकर वेंडिंग जोन प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।
पटना शहर स्तरीय फुटपाथ दुकानदार संघ के बैनर तले मांग कर रहे दुकानदारों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि इतने सालों से वे दुकान लगा रहे हैं। इस दौरान प्रशासन के लोग ही दुकान लगाने के एवज में अवैध वसूली करते हैं और आज प्रशासन का डंडा हमारे उपर ही चल रहा है।
दुकानदारों का कहना है कि वे अतिक्रमणकारी नहीं, बल्कि स्वरोजगारी हैं और पटना को स्मार्ट सिटी बनाने में उनकी भी भागीदारी है। उनकी मांग है कि:
1. सरकार द्वारा चिंहित वेंडिंग जोन के पास ‘वेंडिंग जोन’ का बोर्ड लगाकर व्यवस्थित किया जाए और सर्वेक्षित फुटपाथी दुकानदारों को उस जोन में जगह आवंटित कर दिया जाए।
2. दुकानदारों को एक पहचानपत्र भी दिया जाए, ताकि कोई आकर उनके साथ मनमानी नहीं करे।
3. जो दुकानदार अब तक सर्वेक्षण से वंचित हैं, उनका शीघ्र सर्वेक्षण कर उन्हें भी जगह प्रदान की जाए।
4. वेंडिंग जोन बनाते वक्त स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम—2014 एवं बिहार स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण एवं स्ट्रीट वेंडिंग का विनियम) नियमावली—2018 का पालन किया जाए।
उधर, दुकानदारों की मांग से बेखबर प्रशासन का अभियान जारी है। बोरिंग रोड चौराहे पर स्थित मंदिर के आसपास के अवैध निर्माण को तोड़ा गया एवं नापी कर तुरंत बाउंड्री भी की गई।