पटना : कल बुधवार को सुहागिनें अपने पति के लिए सौभाग्य का पर्व तीज मनाएंगी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 12 सितम्बर को पड़ रहा है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह अनुष्ठान करने का विधान है। इस व्रत को करने से कन्याओं को मनोनुकूल वर तथा सौभाग्यवती महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस पर्व में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत के करने से सुख-सौभाग्य व आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है।
यह व्रत बहुत ही श्राद्धा भाव, नियम, संयम के साथ पवित्रता पूर्वक किया जाता है। इस दिन प्रातः काल स्नानादि से निवृत होकर व्रती स्त्री को हरितालिका तीज व्रत करने का संकल्प करना चाहिए। तत्पश्चात उसे पूरे दिन नियहार व निर्जला उपासना करनी चाहिए। सांयकाल को पुनः स्नानादि करके शुद्ध वस्त्र धारण कर शिव-पार्वती की पूजा उपासना करनी चाहिए। माता पार्वती को सुहाग का जोड़ा एवं सुहाग की पेटी चढ़ानी चाहिए। यथासंभव भोग लगाकर पूजा करनी चाहिए। फिर अंत में हरितालिका तीज व्रत की कथा का श्रवण करें। महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस व्रत के करने से सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। प्रातः काल से लेकर शाम छह बजे तक शुभ मुहूर्त है। अत: सुहागिनें शाम छह बजे से पूर्व ही पूजा कर लें क्योंकि इसके बाद चतुर्थी आ जाती है।
(ज्योतिर्विद नीरज मिश्रा)
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