पटना विवि प्रशासन ने जड़ा छात्रसंघ कार्यालय में ताला

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पटना : अभी हाल में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ को विवि प्रशासन द्वारा भंग किया गया है। छात्रसंघ ने अपना 1 साल हाल में ही पूरा किया है। वैसे तो पटना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव 2012 में 38 वर्ष बाद हुआ था। 2017 में चार साल बाद पुनः चुनाव हुए। यह चुनाव विवादों भरा रहा। उपविजेता रहे गौतम आनंद के अनुसार चुनाव में धांधली कर अध्यक्ष का निर्वाचन किया गया है। बाद में विस्वविद्यालय ने जांच कमेटी बनाई और जांच में योशिता पटवर्धन को अयोग्य पाया और उन्हें छात्रसंघ से निष्कासन झेलना पड़ा।

अहम सवाल यह है कि छात्रसंघ का कार्यकाल पूरा तो हो गया लेकिन अभी नए छात्रसंघ का न तो चुनाव हुआ है और ना विश्वविद्यालय से कोई नोटिस दिया गया है। वैसे में छात्रसंघ कार्यालय को बंद करना कहां तक सही है? पटना विश्वविद्यालय कोषाध्यक्ष नीतीश पटेल का कहना है कि जबतक नये छात्रसंघ का चुनाव नहीं हो जाता, पुराने छात्रसंघ को भंग करना न्यायसंगत नहीं है। वहीँ पटना लॉ कालेज छात्रसंघ प्रतिनिधि सौरव सुमन ने कहा कि विश्ववविद्यालय का रवैया मनमाना रहता है।

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आंदोलन के लिए तैयार रहें छात्र : दिव्यांशु

विदित हो कि पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार दिन पहले ही छात्रसंघ कार्यालय में ताला जड़ दिया है। इस विषय पर छात्रसंघ के प्रेसिडेंट दिव्यांशु भारद्धाज ने छात्र संघ भंग किये जाने और छात्र संघ कार्यालय में ताला बंद किये जाने के विषय में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जितनी फुर्ती से विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ भंग किया और छात्र संघ कार्यालय में ताला जड़ा है, उतनी ही फुर्ती से नये छात्र संघ चुनाव के लिए समय घोषित करे। अन्यथा सभी छात्र संगठन और छात्र नेता व्यापक आंदोलन करेंगे। विदित हो कि अभी चार दिन पहले पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने आनन—फानन में छात्रसंघ भंग किया और छात्र संघ कार्यालय में ताला जड़ दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से छात्रनेताओं में काफी नाराजगी है। कुलपति महोदय से बात नहीं हो पायी है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन का रुख क्या है, कहा नहीं जा सकता।
(राजीव राजू)

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