छपरा : सारण शहर के ऐतिहासिक खंडवा नाला से अतिक्रमण हटाने के मामले में एनजीटी ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रधान और 4 सदस्यों वाली पूर्ण खंडपीठ ने पूर्व के आदेश में कहा था कि खंडवा नाला नाला को अतिक्रमण मुक्त कराएं। अतिक्रमण मुक्त नहीं होने पर वेटरन फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी ने एक याचिका दायर की जिसकी सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा कि पहले की रिपोर्ट पर नगर निगम की ओर से क्या कार्यवाही हुई है, डीएम रिपोर्ट दाखिल करें। एनजीटी के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो इसके लिए डीएम दोषी होंगे। बताते चलें कि 13 सितंबर 2018 को इसकी सुनवाई हुई थी उसके उपरांत आदेश पारित किया गया है जिसमें जिलाधिकारी को जवाबदेह बनाकर कार्रवाई की बात है। पूर्व में भी 2015 में भी नाला को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए स्थानीय एक एनजीओ ने राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की थी। उस समय भी आदेश पारित हुआ था। लेकिन लेकिन नगर निगम ने शपथ देकर 2 माह का समय मांगा था। उसके बाद भी कार्य को पूरा नहीं किया जा सका। बताते चलें कि यह नाला शहर के लिए जीवन रेखा है। इस पर अतिक्रमण कर सरकार ने दुकानें बनवाई हैं। जिसके कारण अन्य स्थानों का कूड़ा करकट फेंके जाने के कारण नाला जाम हो जाता है। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में शहर में जलजमाव की समस्या बढ़ जाती है। अब लोगों को नए जिलाधिकारी से यही उम्मीद है कि खंडवा नाला को अतिक्रमण मुक्त कर पुनर्जीवित किया जा सकता है।
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