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एनडीए की रैली में युवाओं का अजब जोश, गजब जुनून

पटना : गांधी मैदान में एनडीए की संकल्प रैली में युवाओं के जोश और जुनून का अजब—गजब प्रस्फुटन देखने को मिला। रैली स्थल पर लगे कटाउट में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का कद बराबर लग रहा था, वहीं गांधी मैदान में जुटी युवा भीड़ केवल और केवल नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए आतुर थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का भाषण जब लंबा होने लगा, तब भीड़ ने मोदी, मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिये। संकेत साफ था कि विशाल गांधी मैदान में जुटी भीड़ पुलवामा हमले का बदला लेने वाले नरेंद्र मोदी को सुनना चाहती थी। इस भीड़ मेें आधे से अधिक की उम्र 25 वर्ष से कम की रही होगी। महिलाओं की संख्या भी अच्छी थी। नरेंद्र मोदी को करीब से देखने के लिए आगे बढ़ रही भीड़ के कारण कहीं-कहीं सुरक्षा के लिए बनाए गए बैरिकेट उखड़ने की स्थिति भी बन गयी।

नए नारे, हनुमान और धारा 370 रहे खास आकर्षण

भीड़ से पाकिस्तान मुर्दाबाद, जय श्रीराम, ‘राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं भगवाधारी’ जैसे नारे भी लग रहे थे। मोदी हैं तो मुमकिन है, जैसे नारे भी लग रहे थे। गांधी मैदान में भीड़ के बीच पांच-छह हनुमान जी भी घुम रहे थे। लोगों का मनोरेजन करते ये हनुमान वेशधारी मीडिया का भी ध्यान आकर्षित कर रहे थे। भीड़ के बीच में कई स्थानों पर धारा 370 हटाओ लिखा वैनर दिख रहा था। इस बैनर को देख पुलिस वाले बेचैन हो उठे। बैरिकेटिंग पर खड़ा होकर वे उस बैनर को नीचे करने की अपील कर रहे थे। लेकिन, इसका कोई खास असर नहीं पड़ा तो कुछ पुलिस वाले उस बैनर को कब्जा में लेने के लिए भीड के बीच से आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। लेकिन, ठसाठस भीड़ के कारण वे उस बैनर तक नहीं पहुुंच सके। वहीं वह बैनर एक से दूसरे के हाथों होता हुआ गांधी मैदान में इधर से उधर घुमता रहा।

बारिश को पीएम ने वरूणदेव की कृपा कहा

नरेंद्र मोदी का भाषण शुरू होते ही झमाझम बारिश शुरू हो गयी। प्रधानमंत्री ने उसे वरूणदेव की कृपा बताया। बारिश के बावजूद लोग गांधी मैदान में जमे रहे और नारेबाजी तेज कर दी। वहीं कुछ लोग कुर्सी को पलट कर पानी से बचते दिखे।
आज की संकल्प रैली में नरेंद्र मोदी को वह ऐतिहासिक शंख भेट किया गया जिसे आजादी की लड़ाई के दौरान बजाकर बांकीपुर जेल का दरवाजा तोड़ने क्रांतिकारी पहुंच गए थे। जब बिहार के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वह ऐतिहासिक शंख भेट कर रहे थे, तब गीता का प्रसिद्ध श्लोक-परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम…बज रहा था।
मीडिया के लिए पानी और नाश्ते की व्यवस्था की गयी थी। नाश्ते के बाद डिब्बे और पानी के बोतल इधर-उधर फेंक दिए गए थे। भाजपा के एक कार्यकर्ता उन डिब्बों व बोतलों को एकत्रित कर रहे थे। अपने व्यवहार से स्वच्छता का संदेश देने के इस प्रयास की प्रशंसा हो रही थी।