पटना : मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य पटना में आज भी शुरू नहीं हो पाया। हड़ताल की वजह से ज्यादातर शिक्षकों ने योगदान ही नहीं दिया। जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मात्र 41 प्रतिशत शिक्षकों ने मूल्यांकन के लिए योगदान दिया है। मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन 5 से 17 मार्च तक निर्धारित है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के अधिकतर जिलों में मूल्यांकन की प्रक्रिया की शरुआत नहीं हुई है।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण मूल्यांकन कार्य हो रहा प्रभावित
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है। जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 1100 के करीब परीक्षकों ने योगदान दिया है। कुछ शिक्षकों को इंटर व मैट्रिक दोनों की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगाया गया है। वहीं, कई शिक्षकों का नाम दो-दो मूल्यांकन केंद्र पर चला गया है, इस कारण भी शिक्षक योगदान नहीं दे पाए हैं। मूल्यांकन के लिए पटना जिले में 12 और पूरे बिहार में 169 केंद्र बनाए गए हैं।
कॉपियों की जांच 9 मार्च तक खत्म करने का आदेश
शिक्षा विभाग ने इंटरमीएिएट की कॉपी जांच 9 मार्च तक पूरा कराने के लिए दो पालियों में मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है। इसके बदले में शिक्षकों के लिए मुनाफे की बात यह है की उनको इस बार इंसेटिव भी मिलेगा। मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षकों के लिए अल्पाहार की भी व्यवस्था होगी । शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन व बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सभी डीएम, आरडीडीई व डीईओ को पत्र भेजा है। निर्धारित समय में मूल्यांकन कराने की जिम्मेदारी सभी डीएम, डीडीसी, नगर आयुक्त, नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी की है। 29 फरवरी को इस मामले पर वीडियो कांफ्रेंसिंग में पाया गया कि शिक्षक संघ के हड़ताल पर होने के कारण हिंदी, अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन और गणित विषय के कई शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर योगदान नहीं किया है।