(प्रमोद दत्त)
कविहृदय संवेदनशील पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को देश के पांच शहरों से विशेष लगाव रहा है.इन शहरों से अटलजी का विशेष रिश्ता रहा है।
ग्वालियर उनका सबसे पसंदीदा शहर रहा है। रहता भी क्यों नहीं आखिर ग्वालियर उनका जन्मस्थान जो था। अटलजी का जन्म ग्वालियर के शिंदे छावनी में 25 दिसबंर 1924 को हुआ था। उनकी पढाई-लिखाई ग्वालियर में ही हुई थी। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में स्नातक करने के दौरान अपने भाषणों के कारण छात्रों में काफी लोकप्रिय हो गए थे।उनके ओजस्वी भाषण की प्रतिभा कॉलेज के दौरान ही सामने आ गई थी।
अटलजी का बचपन आगरा में बीता इसलिए इस शहर से भी इनका विशेष लगाव था। अटलजी की बहन आगरा में रहती थी। राखी बंधवाने वे आगरा जरूर जाते थे।
कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीतिशास्त्र से स्नातकोत्तर की उन्होंने पढाई की थी। बाद में इसी कॉलेज से वकालत की पढाई पूरी की। खास बात यह कि बेटे की पढाई में रूचि को देखते हुए उनके पिता ने भी इसी कॉलेज से साथ साथ एलएलबी की पढाई पूरी की। इस वजह से कानपुर शहर से भी अटलजी का विशेष लगाव था।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अटलजी ने सियासी कर्मभूमि बनाया। लखनऊ से ही वे पांच बार सांसद रहे। हजरतगंज स्थित फ्लैट में रहते हुए उन्होंने सांसद, नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री बने। इसलिए अटलजी को लखनऊ से प्यार था।
अटलजी छुट्टियां मनाने अक्सर मनाली जाया करते थे। मनाली के प्रीणी गांव का प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें यहां खींच लाता था। यहीं रहकर उन्होंने बर्फीली पहाड़ियों पर कई कविताएं लिखी। यह जगह उन्हें इतना पसंद था कि सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के बाद प्रीणी को ही अपना घर बना लिया था।