आज हर कोई फेसबुक पर एक्टिव रहना चाहता है। शायद ही कोई होगा, जिसने फेसबुक का नाम नहीं सुना होगा। युवा पीढ़ी की लाइफ तो फेसबुक के बिना मानो अधुरी है। जीवन में कुछ भी घटित होता है, तो लोग उसे फेसबुक के माध्यम से अपने मित्रों व परिचितों के साथ अनुभव, तस्वीरें व बातें शेयर करते हैं। फेसबुक के कारण देर रात जगना हो या सिर्फ फेसबुक के कारण नेट पैक रिचार्ज कराना, यह अब आम हो चला है। लेकिन, फेसबुक के उपयोग में अगर सावधानी नहीं बरती जाए, तो यह मुसीबत का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कैसे?
पिछले दिनों पटना कॉलेज के जनसंचार विभाग (बीएमसी) में फेसबुक द्वारा प्रयोजित एक कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें सोशल मीडिया विशेषज्ञ अमिताभ कुमार ने कई महत्पूर्ण बातें बताईं। सबसे पहले तो यह कि हम फेसबुक पर अपनी निजी जिंदगी के लम्हें दुनिया के सामने परोस देते हैं। इसमें जरा सी चूक होने पर निजता (प्राइवेसी) का गलत इस्तेमाल होने लगता है। इनमें सबसे सामान्य है पासवर्ड से जुड़ी गलतियां। आज भी जितने साइबर अपराध हो रहे हैं, उसनमें अधिकतर पासवर्ड लीक होने से हो रही है। लीक का सबसे बड़ा कारण होता है, पासवर्ड किसी के साथ शेयर करना। फेसबुक ही क्यों, किसी भी सोशल साइट या इमेल, बैंक, एटीएम आदि का पासवर्ड भूलकर भी किसी के साथ शेयर न करें। अगर गलती से शेयर हो भी जाए, तो जल्द से जल्द उसे बदल दें।
कई लोग फेसबुक लॉग—इन करने के बाद उपयोग करते हैं और लॉग—आउट किए बिना ही छोड़ देते है। ऐसा करना खतरा को सीधा निमंत्रण है। यह स्थिति उन जगहों पर होती है, जहां एक ही कंप्यूटर पर कई लोग काम करते हैं— जैसे आॅफिस या साइबर कैफे।
अच्छी बात यह है कि स्मार्टफोन आ जाने से इंटरनेट का इस्तेमाल व्यक्तिगत हो चला है। इसमें बार—बार लॉग आउट का झंझट तो नहीं रहता। लेकिन, कमजोर पासवर्ड जैसे अपना नाम, जन्मदिन, फोन नंबर आदि से संबंधित पासवर्ड रहने पर इसे अनलॉक करना आसान होता है।
फेसबुक इस्तेमाल करते हैं, तो इसके सेटिंग्स विकल्प को खोलकर सुरक्षा, पासवर्ड, टैग, अकाउंट, फोटो, प्रोफाइल इत्यादि से संबंधित चीजों को ध्यान से पढ़े एवं अपनी आवश्यकतानुसार इनका उपयोग करें। ऐसा कर हम अपने फेसबुक खाते को सुरक्षित रख सकते हैं और साइबर अपराधियों की नजर से बच सकते हैं।
मास कॉम विभाग के शिक्षक एवं इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. गौतम कुमार ने बताया कि जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया अध्ययन का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसलिए इस क्षेत्र में जागरुकता जरुरी है। इसी को ध्यान में रखकर इस प्रकार का कार्यशाला आयोजित किया गया है।