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बिहार में पर्यावरण के लिए वरदान बना लॉकडाउन, एएन कॉलेज में वेबीनार

पटना : बिहार समेत पूरे भारत में कोरोना वायरस की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से लॉकडाउन जारी है। सड़कें सूनी पड़ी हैं और कामकाज ठप है। लेकिन इस सबके बीच एक अच्छी ख़बर ये है कि लॉकडाउन की वजह से बिहार समेत समूचे भारत में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आई है। गंगा निर्मल हुई है। यूपी के सुदूर सहारनपुर और हिमाचल के कांगड़ा से हिमालय स्पष्ट दृष्टिगोचर होने लगा है। लॉकडाउन के ऐसे ही कुछ कमालों और वरदानों का आज सोमवार को बिहार की राजधानी पटना स्थित एएन कॉलेज में आयोजित वेबीनार में खुलासा हुआ।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने पॉवर प्वाइंट से समझाया

एएन कॉलेज में ‘कोविड-19 के वातावरण पर प्रभाव’ विषय पर आयोजित इस वेबीनार के मुख्य वक्ता बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष थेl डॉ अशोक घोष ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा कोविड-19 के वातावरण पर असर को सिलसिलेवार और बेहद खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण वायु प्रदूषण काफी हद तक नियंत्रित हुआ है। इस वजह से हमारे फेफड़ों को स्वच्छ हवा मिल पा रही है। अत्यधिक वायु प्रदूषण के कारण लोगों को अस्थमा, मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारी, लकवा समेत अन्य कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। वायु प्रदूषण के कारण हर साल पूरे विश्व में लगभग 7 मिलियन लोगों की मौतें होती हैं यह मौतें एचआईवी एड्स, टीवी, मलेरिया से हुई मौतों से लगभग 3 गुनी ज्यादा है।

पटना, हाजीपुर व अन्य शहरों में पीएम स्तर में कमी

प्रोफेसर घोष ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने लॉकडाउन के दौरान बिहार के विभिन्न शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स का अध्ययन किया और पाया कि इस दौरान विभिन्न शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी सुधरा है। प्रोफ़ेसर घोष ने बिहार में प्रदूषण के कारणों की भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रदूषण का एक मुख्य कारण बालू और मिट्टी के सूक्ष्म कण भी हैं। लॉकडाउन के कारण विभिन्न देशों में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से बेहतर है है। हालांकि इस दौरान भी पटना और हाजीपुर के कई इलाकों मे पी.एम.10 का स्तर मानक से ज्यादा रहा है। जबकि इस दौरान पी.एम.2.5 का स्तर कम हुआ है। लॉकडाउन के दौरान गया की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार दर्ज किया गया है।

प्राचार्य एसपी शाही ने किया वेबीनार का उद्घाटन

इसके पहले वेबीनार का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर एसपी शाही ने कहा कि कोविड-19 एक वैश्विक समस्या है। हमें मजबूती से डटकर इस समस्या का सामना करना है। हालांकि कोविड-19 के कारण वातावरण और वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ रत्ना अमृत तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरुण कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र अपने—अपने वेबलिंक के माध्यम से उपस्थित रहे।