पटना/नई दिल्ली : पटना जंक्शन से गिरफ्तार बांग्लादेशी आतंकी खैरुल मंडल और अबु सुल्तान ने बिहार एटीएस और एनआईए से पूछताछ में यह खुलासा किया है कि उनकी योजना आगामी चुनाव के दौरान बड़े नेताओं पर ड्रोन से हमला करने की थी। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। खुफिया इनपुट पर काम करते हुए बिहार एटीएस की टीम ने पटना जंक्शन के पास मदनी मुसाफिरखाना में पहले खैरुल मंडल और अबु सुल्तान की मौजूदगी का पता लगाया। जब दोनों लोकेट हो गए तो एटीएस की टीम फटाफट उन्हें कब्जे में लेकर निकल गई। एटीएस टीम को बांग्लादेशी आतंकियों की तस्वीर मिल गई थी। यह भी पता चल चुका था कि दोनों मदनी मुसाफिरखाना में मौजूद हैं। फिर दो टीमों ने एकसाथ कार्रवाई करते हुए उन्हें धर दबोचा।
ड्रोन अटैक की आतंकी प्लानिंग का खुलासा होने के बाद एनआईए और एटीएस बांग्लादेशी आतंकी खैरुल मंडल और अबु सुल्तान के भारत में मौजूद नेटवर्क का पता लगा रही है। दोबारा पूछताछ के लिए दोनों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड पर लिया है। दोनों से पूछताछ के लिए आईबी और दूसरी एजेंसियों की टीम के भी पटना आने की संभावना है। इससे पहले एटीएस ने खैरुल और अबु को रिमांड पर लेने के लिए अदालत से अनुरोध किया था। सूत्रों के मुताबिक अदालत ने दो दिनों का रिमांड दिया है। सूत्रों के मुताबिक खैरुल भारत में मौजूद जेएमबी आतंकी संगठन की काफी जानकारी रखता है। पर उसे आतंक का पाठ कुछ इस कदर पढ़ाया गया है कि वह आसानी से जुबान नहीं खोल रहा।
शुरुआती पूछताछ में एटीएस को भारत में कई लिंक मिल रहे हैं जिसके आधार पर अब दोनों से पूछताछ की जा रही है। पता चला है कि खैरुल ड्रोन से हमले की तकनीक से भलीभांति वाकिफ था। उसने ड्रोन से आतंकी हमला करने की तकनीक बांग्लादेश में सीखी थी। जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) के संस्थापक सदस्यों में शामिल खैरुल को इसमें संगठन से जुड़े एक इंजीनियर ने मदद की थी। उसी की मदद से जेएमबी ने ड्रोन भी बना लिया था, लेकिन उसके इस्तेमाल से पहले आतंकियों के खिलाफ हुई बांग्लादेश पुलिस की कार्रवाई ने उन्हें वहां से भागने पर मजबूर कर दिया। पूछताछ के दौरान खैरुल ने यह स्वीकार किया है कि उसे ड्रोन के बारे में काफी कुछ जानकारी है। बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के दौरान उसके संगठन जेएमबी ने ड्रोन बनाने और उससे हमले की तकनीक का इजाद किया था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके एक शख्स जो जेएमबी से जुड़ा था, ने खैरुल और दूसरे आतंकियों को इसकी तकनीक बतायी थी। उसी की मदद से जेएमबी ने ड्रोन बनाया था और उसका परीक्षण भी किया। खैरुल ने यह भी खुलासा किया कि ड्रोन का परीक्षा पूरी तरह सफल रहा था। जांच अधिकारियों को अशंका है कि खैरुल भारत में आतंकी वारदात के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता था।