चकिया में कचरा डंपिग पर भड़के लोग, किया प्रदर्शन
चंपारण : चकिया, नगर पंचायत के साहेबगंज रोड के समीप स्थित शांति नगर मुहल्ला में सफाई कर्मी द्वारा कचरा डंपिंग करने से हो रहे गंदगी से आक्रोशित लोगों ने साहेबगंज रोड को बांस बल्ला लगा कर व टायर जला कर रोड को जाम कर विरोध प्रकट किया। लोग लगभग जाम दो घंटे तक जाम कर नगर पंचायत के विरुद्ध नारेबाजी की। जाम के कारण लोगो को आने-जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
वही मुहल्लेवासियों का कहना था कि नगर के सफाई कर्मी द्वारा कचरा ला कर यही गिरा देता है। जिसके कारण यहां बदबू व गन्दगी फैल रहा है। जिससे संक्रमण फैलने से बीमारी होने की आशंका भी उत्पन्न हो गई है। वही मौके पर पहुँच मुख्यपार्षद पति व समाज सेवी ओम प्रकाश गुप्ता तथा पुलिस प्रशासन जाकर लोगो को समझा-बुझाकर जाम को समाप्त कराया।
इस संबंध में नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी राघेश्याम कुमार मिश्रा ने बताया कचरा डंपिंग यार्ड बनाने के लिए नगर पंचायत कुछ जमीन की ख़रीदगी की है और जमीन की खरीदारी कर जल्द ही डंपिंग यार्ड बना लिया जाएगा। जिससे डंपिंग की समस्या का समाधान हो जाएगा।
संजय
थानेदार की मनमानी पर सीएम व डीजीपी को लिखा पत्र
- बेलगाम थानेदार, नहीं लिखते दलितों की प्राथमिकी
चंपारण : मोतिहारी, दरोगा की मनमानी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान पूर्वी चंपारण के जिला संयोजक राजू बैठा ने सीएम एवं डीजीपी को पत्र भेज कर शिकायत की है, उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि थानेदार नियम का उल्लंघन करते हुए बेलगाम हो गए हैं। अब तो जिले के कई थानों में पीड़ित दलित लोगों के आवेदन पर महिनों बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो रही है।
जिसके कारण कोटवा, बजरिया, सुगौली, मुफस्सिल, तुरकौलिया, महिला थाना एवं संग्रामपुर सहित कई थानों में पीड़ित व्यक्तियों के आवेदन पेंडिंग हैं। पीडितों में कोटवा थाने के कररिया निवासी रामबाबू बैठा, बंजरिया थाना के चैलाहां निवासी प्रदीप कुमार (चौकीदार) , सुगौली थाना के भरगावा निवासी विश्वनाथ राम , मुफस्सिल थाना के बासमन निवासी प्रदीप पासवान समेत कई शामिल हैं। इनके आवेदन प्राप्त होने के महिनों बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
कहा कि अनु जाति जनजाति अत्याचार निवारण संशोधित अधि 2018 के नियम 18 (क) के तहत सपष्ट है कि अनु जाति जनजाति के व्यक्तियों/पीड़ितों के आवेदन पर तुरन्त कारवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर उसकी एक प्रति निःशुल्क पीड़ित को उपलब्ध कराया जाना है।
बावजूद इसके थानाध्यक्षों के द्वारा ऐसा नहीं करना अनु जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 4 का उल्लंघन है। साथ ही अनु जाति जनजाति अत्याचार निवारण संशोधित अधि 2018 के नियम 18 (क) का उल्लंघन है। श्री बैठा ने मांग किया है कि अनु जाति जनजाति के पीडि़तों को त्वरित न्याय देते हुए अनु जाति जनजाति अत्याचार निवारण संशोधित अधि का अनुपालन हो।
क्वारंटाइन केंद्रों में भूखे सो रहे प्रवासी
चंपारण : बिहार में वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों की स्थिति दयनीय है। उन्हें विभिन्न संग रोधी केन्द्रों पर रखा तो गया है लेकिन वहां सुविधाएं नहीं है। भोजन,आवास,साफ सफाई कुछ भी नहीं है। अनेक केन्द्रों पर भूखे पेट सोने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर। मोतिहारी के ढाका इस्लामिया मदरसा में क्वारंटाइन में रखे गए प्रवासी मजदूर बदहाल स्थिति में हैं।
पिछले तीन दिनों से उन्हें प्रशासन की ओर से कोई देखने नहीं आया।भूख से बिलबिला रहे इन मजदूरों को स्थानीय वार्ड नंबर 9 के सदस्या के पति नेकमोहममद ने उन लोगों को खाने का इंतजाम किया है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई है। परेशान मजदूरों ने एसडीएम सिकरहना व व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे अंचलाधिकारी को सूचना दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजदूर लोग चाहते हैं कि उन्हें प्रोपर जांच कराने के बाद घर जाने के लिए छोड़ दिया जाए।न तो जांच की जा रही है और नहीं कोई सहायता दी जा रही है ऐसे में ये लोग वहां से भाग निकलने की सोच रहे हैं।ये सभी मुंबई से यहां जैसे तैसे पहुंचे हैं। क्वारंटाइन केन्द्र में रहने वाले अपनी व्यथा स्वयं बता रहे हैं।
राजन दत्त द्विवेदी