मेहनत कर दिल्ली-दुबई में कारोबार खड़ा किया,जमुई में खानदानी जमीन पर माफियाओं का कब्जा,सरकार से गुहार
पटना। बिहार में भूमाफियाओं के द्वारा जमीन कब्जा के शिकायतें आए दिन सामने आती है। मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जारी स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय बनी रहती है। कहीं-कहीं तो प्रशासन तथा सरकार के जिम्मेदार पद पर बैठे लोग ही भू माफिया को संरक्षण भी देते हैं। ताजा मामला बिहार के जमुई जिला से सामने आया है। शिकायत के बावजूद प्रशासन हरकत में नहीं आ रही है।
वहीं तमाम दस्तावेज सामने रखने के बावजूद जमुई प्रशासन ध्यान नहीं दे रही है। एमडी शाकिर अनवर, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित एक निजी कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं, जब रोजगार प्रदान करने और समाज और बिहार के लोगों के लिए कुछ अच्छा करने के लिए बिहार में अपने लॉजिस्टिक्स और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए बिहार वापस आए थे। जहां उनका जन्म हुआ था।
वहां उन्हें पता चला कि उनकी पैतृक जमीन जो जमुई शहर में लगभग 15 एकड़ है। जो उन्हें उनकी परदादी मोसमात बीबी आयशा से विरासत में मिली थी। उस पर भू-माफिया कब्जा कर रहे हैं और जमुई के पूर्ववर्ती सीओ और सीआई इस साजिश में शामिल हैं। विगत जुलाई 2023 में उन्होंने जमुई के अपर भूमि समाहर्ता के पास शिकायत दर्ज की और कई अनुस्मारक के बाद भी सीआई जमुई ने अभी तक रिपोर्ट संख्या 1268 जमा नहीं की है। जो उन्हें एडीएम जमुई कार्यालय से गत 31 जुलाई को प्राप्त हुई थी।
एमडी खुर्शीद अनवर, जो एमडी शाकिर अनवर के पिता हैं, ने 2016 से सीओ जमुई कार्यालय में कई लिखित शिकायत दी थी कि उनकी जमीन पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। उनकी जमीन के किसी भी उत्परिवर्तन अनुरोध को पहले से सूचित किया जाना चाहिए ताकि वे दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकें। इस मामले को लेकर एमडी शाकीर अनवर ने सरकार से इसमें शामिल अधिकारियों और भू-माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले को लेकर एमडी खुर्शीद अनवर ने जमुई पुलिस स्टेशन में इसी माह 5 फरवरी को भू-माफिया तेज नारायण सिंह के खिलाफ एक लिखित शिकायत आर-125/24 भी दर्ज करवाई है। जो उनकी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे थे। आश्चर्यजनक पहलू है कि मुख्यमंत्री के द्वारा भूमि विवाद से जुड़े मामले पर विशेष ध्यान देने के निर्देश के बावजूद अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अगर ऐसी चीजें विदेश में बसे एक व्यवसायी के साथ हो रही है जो समाज के लिए कुछ बेहतर करना चाहता है तो कैसे संभव है कि वह अपने प्रदेश में निवेश करेगा और राज्य की बेहतरी के लिए सोचेगा।
मेहनत कर दिल्ली-दुबई में कारोबार खड़ा किया, जमुई में खानदानी जमीन पर माफियाओं का कब्जा, सरकार से गुहारपटना। बिहार में भूमाफियाओं के द्वारा जमीन कब्जा के शिकायतें आए दिन सामने आती है।मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जारी स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय बनी रहती है।कहीं-कहीं तो प्रशासन तथा सरकार के जिम्मेदार पद पर बैठे लोग ही भू माफिया को संरक्षण भी देते हैं। ताजा मामला बिहार के जमुई जिला से सामने आया है ।शिकायत के बावजूद प्रशासन हरकत में नहीं आ रही है।
वहीं तमाम दस्तावेज सामने रखने के बावजूद जमुई प्रशासन ध्यान नहीं दे रही है। एमडी शाकिर अनवर, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित एक निजी कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं,जब रोजगार प्रदान करने और समाज और बिहार के लोगों के लिए कुछ अच्छा करने के लिए बिहार में अपने लॉजिस्टिक्स और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए बिहार वापस आए थे। जहां उनका जन्म हुआ था।वहां उन्हें पता चला कि उनकी पैतृक जमीन,जो जमुई शहर में लगभग 15 एकड़ है।जो उन्हें उनकी परदादी मोसमात बीबी आयशा से विरासत में मिली थी।
उस पर भू-माफिया कब्जा कर रहे हैं और जमुई के पूर्ववर्ती सीओ और सीआई इस साजिश में शामिल हैं।विगत जुलाई 2023 में उन्होंने जमुई के अपर भूमि समाहर्ता के पास शिकायत दर्ज की और कई अनुस्मारक के बाद भी सीआई जमुई ने अभी तक रिपोर्ट संख्या 1268 जमा नहीं की है।जो उन्हें एडीएम जमुई कार्यालय से गत 31 जुलाई को प्राप्त हुई थी।
एमडी खुर्शीद अनवर, जो एमडी शाकिर अनवर के पिता हैं, ने 2016 से सीओ जमुई कार्यालय में कई लिखित शिकायत दी थी कि उनकी जमीन पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है।उनकी जमीन के किसी भी उत्परिवर्तन अनुरोध को पहले से सूचित किया जाना चाहिए ताकि वे दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकें। इस मामले को लेकर एमडी शाकीर अनवर ने सरकार से इसमें शामिल अधिकारियों और भू-माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले को लेकर एमडी खुर्शीद अनवर ने जमुई पुलिस स्टेशन में इसी माह 5 फरवरी को भू-माफिया तेज नारायण सिंह के खिलाफ एक लिखित शिकायत आर-125/24 भी दर्ज करवाई है।जो उनकी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे थे। आश्चर्यजनक पहलू है कि मुख्यमंत्री के द्वारा भूमि विवाद से जुड़े मामले पर विशेष ध्यान देने के निर्देश के बावजूद अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।अगर ऐसी चीजें विदेश में बसे एक व्यवसायी के साथ हो रही है।जो समाज के लिए कुछ बेहतर करना चाहता है। तो कैसे संभव है कि वह अपने प्रदेश में निवेश करेगा और राज्य की बेहतरी के लिए सोचेगा।
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