जीएसटी की एकमुश्त समाधान योजना की अवधि तीन माह आगे बढ़ी
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति में लाॅकडाउन के कारण जीएसटी पूर्व के बकाए कर के विवादित मामलों के निपटारे के लिए लायी गई ‘एकमुश्त समाधान योजना’ की अवधि तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दी गई है। 15 जनवरी से शुरू इस योजना के अन्तर्गत करदाताओं को विवादित कर राशि का 35 और ब्याज व दंड का मात्र 10 प्रतिशत जमा करना था। आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 मार्च तय की गई थी।
इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 23,965 करदाताओं ने आवेदन दिया था जिसमें 604.84 करोड़ की विवादित जिसमें 155.06 करोड़ सेटलमेंट की राशि भी सन्निहित है। प्राप्त आवेदनों में से अभी तक कुल 6080 मामले निष्पादित हुए जिससे 20 करोड़ की राशि जमा हुई है। बकाए कर की राशि में से 59.66 करोड़ पहले ही प्राप्त हो चुकी है, 75 करोड़ की बकाया राशि की वसूली किया जाना है।
ज्ञात हो कि 01 जुलाई, 2017 से जब जीएसटी लागू की गई तो उसके पूर्व के वैट, प्रवेश कर, लक्जरी टैक्स व मनोरंजन कर आदि करीब आधे दर्जन अधिनियमों को उसी में समाहित कर दिया गया। मगर वैट के दौर के बकाए करों के विवाद का निपटारा नहीं हो सका। उसी के लिए एकमुश्त समाधान योजना लाई गई हैं।