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कुशवाहा की ‘खीर’ पर नीतीश की ‘साग—रोटी’ का हमला

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को उपेन्द्र कुशवाहा किसी भी हाल में एनडीए सहयोगी के तौर पर मंज़ूर नहीं। तभी तो उन्होंने उपेन्द्र की ‘खीर’ पर अपने ‘साग—रोटी’ से जबरदस्त हमला बोल दिया है। एनडीए से उपेन्द्र कुशवाहा का बोरिया—बिस्तर बांधने के लिए उन्होंने उनकी राजनीतिक खीर के मुकाबले अपनी खास राजनीतिक सब्ज़ी बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें अपरोक्ष तौर पर उन्हें कुछ बीजेपी नेताओं के समर्थन की भी बात कही जा रही है।
मुख्‍यमंत्री नीतीश ने कल रविवार को अपने आवास पर एक विशेष बैठक बुलाकर जदयू के कुशवाहा जाति के नेताओं से बात की और अपनी बात भी कही। इस बैठक में बिहार भर से कुशवाहा समाज के प्रखंड से लेकर राज्य स्तर के सभी नेता पहुंचे थे। उनसे नीतीश ने खुलकर अपने मन की बात कही और वादा किया कि उनके मान सम्मान में कोई कमी नहीं आने देंगे। नीतीश ने पार्टी के कुशवाहा नेताओं से बातचीत के दौरान बिना उपेन्द्र कुशवाहा का नाम लिए कहा कि जिनको उन्होंने राजनीति में खड़ा किया वही लोग उनपर हमला कर रहे हैं। साफ है कि इशारा उपेन्द्र पर ही था क्‍योंकि पहली बार नीतीश ने ही उन्‍हें विधायक बनाने के अलावा विपक्ष का नेता भी बनवाया था।

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मदद के बावजूद दगाबाजी का लगाया आरोप

नीतीश ने ही उपेन्द्र कुशवाहा को संसदीय जीवन की सक्रियता में काफी मदद की। यही नहीं कुशवाहा समाज से आनेवाले नागमणि और उनकी पत्नी को भी विधायकी आदि सम्मान भी नीतीश ने ही दिलवाया था, लेकिन ये नेता सदैव उनका विरोध करते रहे। हालांकि अपने अख्खड़ स्वभाव के अनुरूप नीतीश यह भी चाहते हैं कि एक बार 2019 के चुनाव में कुशवाहा समाज भी अपने दम—खम को आजमा ही ले। लेकिन वे सीधे—सीधे अपने कुशवाहा भाइयों को नाराज भी नहीं करना चाहते। नीतीश ने अपने आवास पर हुई बैठक में सबको भरोसा दिलाया कि जहां लोकसभा चुनाव में उनकी हिस्सेदारी पर्याप्त होगी, वहीं पार्टी तथा विधानसभा के चुनाव में कुशवाहा समाज के ही किसी ईमानदार और असरदार नेतृत्व को अपनी पार्टी के भीतर से ही उभारने की उनकी योजना भी है। जरूरत सिर्फ वफादारी से अपनी काबिलियत को पार्टी में साबित करने भर की है। उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा, नागमणि आदि मौका परस्त नेताओं से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इनकी सार्वजनिक आलोचनाओं का जवाब देकर उनका महत्व नहीं बढ़ाएं।

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वहीं उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में एक ऐसी व्यवस्था होगी कि सरकार सारी सब्जी खरीद खुद बाजार में सीधे या सब्जी के खुदरा विक्रेता को देगी। नीतीश की इस घोषणा से निश्चित रूप से सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले कुशवाहा समाज के अधिसंख्य लोगों को राहत मिलेगी।