पटना : अपनी कथा कहो..(रंग नाटक ), का लोकार्पण आज हिंदी साहित्य सम्मेलन में किया गया। इसके रचनाकार डॉ किशोर सिन्हा हैं। पाठ्य पुस्तक में कुल छह नाटकों को शामिल किया गया है। इनकी विषय—वस्तु राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने के ध्येय से संबंधित हैं। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अनिल सुलभ, कला जागरण के अध्यक्ष गणेश सिन्हा, भगवती प्रसाद द्विवेदी आदि कवि और रेडियो में कार्यरत तथा सेवानिवृत व्यक्ति उपस्थित रहे।
किशोर सिन्हा केवल कवि ही नहीं अपितु निर्देशक, गायन के जानकार भी हैं। उनकी पहली रचना विरासत थी जो सन 2000 हजार में प्रकाशित हुई थी और काफी सराही भी गई थी। सिन्हा भाषा और वर्तनी के धनी हैं। अपनी कथा कहो … के माध्यम से लोगों में जन चेतना, सामाजिक दायित्व, राष्ट्रीयता को जागृत करने का काम किया है। “चारुलता” कामायनी का एक रूपांतरण है जो नारी को श्रद्धा से अभिभूत कर देती है। यह एक ऐसा नाटक है जो ये सवाल करती है कि क्या केवल पुरुष पक्ष को ही इनकार करने का हक है।
“स्वतंत्रता की पुकार” के नाटक में राष्ट्रीयता की भावना और इतिहास के बारे में बताया गया है। जिसमें कई आंदोलनकरियों का चित्रण प्रस्तुत किया गया है। इसी प्रकार जेब कतरा, स्वतंत्रता की पुकार, चारुलता आदि नाटक अभिगृहित हैं। इस मौके पर भगवती प्रसाद, किशोर सिन्हा, गणेश सिन्हा ,चंदन,अरुणकुमार, सत्यनारायण आदि मौजूद रहे।
सोनू कुमार
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