घर के अंदर ही माँ पूरी पाठशाला है : डॉ. कृष्ण
“घर के अंदर ही माँ पूरी पाठशाला है”। उक्त पंक्तियां जानेमाने साहित्य मर्मज्ञ डॉ. नीरज कृष्णा जी ने साहित्यिक संस्था लेख्य मंजूषा, पटना के त्रैमासिक कार्यक्रम “मातृ दिवस: हर पल नमन” के अवसर में कही। अपने व्यक्तव में डॉ. नीरज…
समृद्ध है मैथिली भाषा का साहित्य : उषाकिरण खान
पटना : पद्मश्री उषकिरण खान ने कहा कि मैथिली भाषा का साहित्य बहुत ही समृद्ध है। मैथिली भाषा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि मैथिली साहित्य और मैथिली संस्कृति दोनों ही बेजोड़ है। भाषा वह माध्यम है जिससे हम…
गहमर के गागर में समाया साहित्य का सागर
विगत 5 साल से अखंड गहमरी की तरफ से आयोजित हो रहे गहमर साहित्य सम्मेलन का आयोजन इस वर्ष 8 और 9 सिंतबर को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के गहमर गाँव में हुआ। 1 लाख 28 हज़ार की आबादी…
साहित्यकारों ने अपना-अपना कुनबा बना लिया : डॉ. उषा किरण खां
पटना। इन दिनों सभी साहित्यकारों ने अपना-अपना कुनबा बना लिया है। आज के समय कोई एक साथ नहीं चल रहा है। यह वक़्त है साहित्य के लिए कुछ करने का, अगर आज इसके लिए नहीं सोचा जाएगा तो साहित्य को…