धरोहरों को बचाने में क्षेत्रीय सिनेमा का योगदान अहम : कृष्ण कुमार ऋषि
पटना : अपने पूर्वजों को आज की पीढ़ी भूल रही है। फिल्मों के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ी को अपना इतिहास बता सकते हैं। उस दिशा में ‘क्षेत्रीय सिनेमा और बिहार’ नामक स्मारिका का प्रकाशन एक सराहनीय प्रयास है।…
साहित्य सम्मेलन में ‘दारू का जनाजा’ का लोकार्पण
पटना : बिहार साहित्य सम्मेलन में चल रहे ‘चौदस दिवस मेला’ में आज वरिष्ट लेख़क ‘रामलषण राम रमण’ की पुस्तक ‘दारू का जनाज़ा’ का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर 16 वर्षों के बाद मंच से बोलते हुए रामलषन जी ने…
कहानियों का बेजोड़ संग्रह, छंटते हुए चावल
पुस्तक समीक्षा छँटते हुए चावल (कहानी संग्रह) प्रकाशक : शब्द प्रकाशन लेखक : नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ मूल्य : 140 रुपये मात्र जब खुद के जीवन के अनुभव कड़वे होते हैं, तब कलम की ताकत खुद-ब-खुद बढ़ जाती है। इस कथन को,…