नवादा : बिहार के नवादा शहर में लगने वाले प्रतिदिन के महाजाम से हर कोई परेशान है। व्यवसायी हों या ग्रामीण—शहरी, हर किसी को जाम का सामना करना पड़ रहा है। खासकर प्रखंडों से मरीज लेकर आने वाले परिजनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कब उनके मरीज की जान इलाज के अभाव में चली जाए, यह सोचकर खुद उनकी जान सांसत में रहती है। बावजूद प्रशासन जाम से निजात हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल साबित हो रही है।
रजौली पुराना बस स्टैंड के पास से लेकर खुरी पुल, टेम्पो स्टैंड, लाल चौक, मेन रोड व प्रजातंत्र चौक तक की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। इस एक किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों का पसीना छूट जाता है। खासकर ई रिक्शा के कारण पैदल तक चलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में गंभीर रूप से जख्मी या बीमार रोगियों के साथ उनके परिजनों की परेशानी बढ जाती है।
ऐसी भी बात नहीं कि जाम से परेशान सिर्फ नागरिक या व्यवसाय वर्ग हो रहा है, प्रशासन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपराधी वैकल्पिक रास्ते का उपयोग कर आसानी से अपराध को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। और पुलिस हाथ मलती रह जा रही है।
यातायात पुलिस होने का कोई फायदा नहीं
नगर में एक किलोमीटर, यानी लाल चौक से लेकर प्रजातंत्र चौक तक यातायात पुलिस की व्यवस्था है। लेकिन वाहनों के दबाव के आगे वे भी लाचार हैं। फिर यातायात पुलिस का लाभ नगरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। इसके होने, न होने का कोई मतलब नगरवासियों के लिए नहीं रह गया है।