प्राइवेट स्कूलों पर बिहार सरकार कानून बना लगाए अंकुश – पप्पू वर्मा

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पटना : पूरे देश में कोरोना वायरस के मद्देनजर देश के सभी स्कूल कॉलेज आगामी आदेश तक बंद है। जिस कारण देश में पठन-पाठन व्यवस्था में खासा तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि देश के कुछ स्कूल कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था की गई है परंतु उस स्तर तक सफल साबित नहीं हुई है जितनी उम्मीद की जा रही थी। इसी बीच पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने बिहार के स्कूली शिक्षा को लेकर कहा कि बिहार के सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था बहुत ही बेकार स्थिति में है और इसके साथ ही साथ प्राइवेट स्कूलों के मनमानी से बिहार के जनता को खासा तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।

प्राइवेट स्कूल संचालक नहीं कर रहे दिशानिर्देश का पालन

मालूम हो कि वैश्विक महामारी में बिहार सरकार के द्वारा लगातार प्राइवेट स्कूलों को दिशा निर्देश दिया गया है कि वह अपनी स्कूल की ट्यूशन फीस माफ करें परन्तु निजी विद्यालय चलाने वाले हर बड़े छोटे अधिकांश संस्थान अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे है।इसके साथ ही अभिभावकों को दोहन और शोषण करने का सिलसिला इन संस्थानों द्वारा लगातार जारी है।

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सरकारी विद्यालयों में उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बढ़ा प्राइवेट स्कूल का व्यापा

वर्मा ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा संचालित सरकारी विद्यालयों में व्यवस्था न होने के कारण आज बिहार में बड़े पैमाने पर प्राइवेट स्कूलों का रोजगार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि एक और जहां सरकारी स्कूलों के बड़े-बड़े बिल्डिंग अपनी पुरानी गरिमा और विरासत का उदाहरण प्रस्तुत कर अपनी उपेक्षा का रोना रो रहा है ।

वही प्राइवेट स्कूल छोटे-छोटे बिल्डिंग बनाकर सरकारी विद्यालयों का उपेक्षा का लाभ उठाकर अभिभावकों को दोहन करने में व्यस्त है। प्राइवेट स्कूलों का दोहन सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहता वह अपने यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों का भी नाम मात्र का वेतन देकर उनका भी आर्थिक शोषण करते हैं । जबकि सरकारी विद्यालयों में में पढ़ाने वाले प्राध्यापकों को सभी प्रकार के सुविधा रहते हुए भी सरकारी विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम होने की वजह से व संसाधनों के अभाव एवं सरकारी विद्यालयों में पढ़ने की वातावरण ना होने की वजह से सरकार की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं ।

सरकारी विद्यालय को आत्मनिर्भर बनाए सरकार

वर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है गया कि बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें प्राइवेट स्कूलों के के तरह व्यवस्थित किया जाए व प्राइवेट स्कूलों के लिए बिहार सरकार कानून एवं गाइड लाइन जारी करते हुए उन पर अंकुश लगाकर बिहार के लोगों को आर्थिक एवं मानसिक शोषण से बचाया जा सके।

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