महागठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठना चाहती है कांग्रेस!

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पटना : बिहार में चुनाव के पहले सियासी गरमाहट बरसात के महीने में भी रह रह कर बढ़ती जा रही है। अब महागठबधन की ड्राइविंग सीट पर कांग्रेस के बैठने को लेकर चर्चा काफी तेज हो गई है। यह पूरा मामला तेजस्वी की महागठबंधन के प्रति बेरूखी और शक्ति सिंह गोहिल की कोशिशों के बाद चर्चा में आया है।

संवादहीनता के कारण महागठबंधन में तल्खी बढ़ी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच संवादहीनता है और इसी कारण कड़वाहट बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव, मांझी और सीपीआई नेताओं से बातचीत के बाद ऐसा महसूस हो रहा था की उन लोगों के बीच संवादहीनता है। इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह संदेश भी दे दिया है कि अब विलंब हो रहा है। बातचीत कर मामला सुलझाने की जरूरत है। जिस तरह कांग्रेस ने सहयोगी दलों से बात कर संवादहीनता कम करने की कोशिश की है उसी तरह अन्य दल भी पहल करे।

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कांग्रेस आरजेडी से लेना चाहती है लोकसभा चुनाव का बदला

वहीं इस पर तंज करते हुए जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस आरजेडी से लोकसभा चुनाव का बदला लेने की तैयारी में है। कांग्रेस तेजस्वी यादव को न तो उनकी पार्टी के नेता मानने को तैयार हैं और न ही सहयोगी दल। हर कोई तेजस्वी से नाराज चल रहे हैं। इसलिए आरजेडी पहले ही चुनाव से बाहर जा चुकी है।

हालांकि आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पूरी बात को यह कहते हुए खत्म करने की कोशिश की कि महागठबंधन की ड्राइविंग सीट पर तो आरजेडी ही बैठेगी और सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव ही होंगे। सीटों के मसले पर उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी 243 सीटों पर है। जहां हम चुनाव नही लड़ेंगे वहां सहयोगी को मदद करेंगे।चुनाव लड़ना अलग चीज है,लेकिन संगठन के मसले पर 243 सीटों पर तैयारी जरूरी है।

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