पटना : समाज में शिक्षकों को गुरु माना जाता है। माता-पिता से भी बढ़कर शिक्षकों की भूमिका होती है। राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों का सबसे अहम रोल होता है। बड़े-बड़े आईएएस, डॉक्टर इंजीनियर का निर्माण शिक्षक ही करते हैं। लेकिन लगता है बिहार सरकार की नज़र में हम कुछ भी नहीं हैं। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल) ने राजधानी पटना के आईएमए हॉल में “संकल्प दिवस” कार्यक्रम रखा था। संघ के अध्यक्ष केशव कुमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के समक्ष शिक्षकों ने कई बार अपनी मांगे रखी हैं, लेकिन सरकार उसको गंभीरता से नहीं ले रही है। केशव कुमार ने कहा कि आज के ही दिन पटना के गांधी मैदान में शिक्षकों के साथ बर्बरता की गई थी। शिक्षा मित्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे तभी सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज करवाया था जिसमे हज़ारो शिक्षकों को गंभीर चोट आई थी। उसी घटना की याद में आज का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि 2019 में यदि सरकार “समान काम समान वेतन” नहीं लागू करेगी तो हम जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करेंगे। इतना ही नहीं, आगामी लोकसभा चुनाव में हर सीट पर जाकर सरकार की गलत नीतियों के बारे में जनता को बातएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार सरकार को हुमलोगों को सुविधा देने का आर्डर दे चुकी है। फिर भी बिहार सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है।
(मानस दुबे)