हम ने केंद्र पर लगाया नियमों की अनदेखी का आरोप

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पटना : हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बी एल वैशयन्त्री ने भारत सरकार पर नियमों की अनदेखी और मनमाने तरीके से सत्ता और अपने पदों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। बी एल वैशयन्त्री ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारत के संविधान की अनदेखी करके यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन में निजी क्षेत्र में कार्यरत 13 व्यक्तियों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया है। बी एल वैशयन्त्री ने कहा कि भारत के सर्वोच्च पदों पर चयन हेतु संवैधानिक रूप से यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का गठन किया गया है। और इसके अनुसार कमीशन के द्वारा प्रत्येक वर्ष रिक्त पदों के लिए आयोग विज्ञापन देता है।देश भर से लाखों मेधावी छात्र-छात्रा आवेदन देते हैं। उन्होंने कहा कि तीन चरणों मे होने वाले परीक्षा में पहले पीटी, फिर मेंस और आखिरी में इंटरव्यू में उनका सिलेक्शन किया जाता है। और फिर भारत सरकार उन्हें अलग-अलग पदों के लिए नियुक्त करती है। बी एल वैशयन्त्री ने कहा कि जिन 13 लोगों की नियुक्ति भारत सरकार ने की है वे सभी निजी क्षेत्रों में काम करते थे और इन लोगों ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का एग्जाम नहीं दिया है।उन्होंने कहा कि ऐसा करके नरेंद्र मोदी की सरकार करना क्या चाहती है। हज़ारों मेधावी छात्र जो परीक्षा देते और अपनी मेहनत से ये पद हासिल करते, क्या उनका मनोबल गिराना चाहती है मोदी सरकार। बी एल वैशयन्त्री ने कहा2 कि भले ही भारत सरकार ने अभी ये फैसला लिया है लेकिन आनेवाले समय मे इसके परिणामस्वरूप बहुत ही खतरनाक हो सकते हैं। क्योंकि जब एग्जाम ही नहीं लिया जाएगा तो हर कोई अपनी मनमानी करके किसी को भी कोई पद दे देगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आनेवाली भविष्य की सरकार भी ऐसे ही फैसले लेने लगें । बी एल वैशयन्त्री ने कहा कि इससे देश के छात्रों का भविष्य तो निश्चित तौर से अंधकारमय हो गया है।
मधुकर योगेश

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