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कोरोना वायरस से लड़ाई में महाराष्ट्र व दिल्ली की सरकारों ने गंभीरता पूर्वक नहीं किया कार्य – पप्पू वर्मा

पटना : पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। इस वायरस ने राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रकोप दिखाया है। राजधानी दिल्ली में कोरोना के बेकाबू हालात को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 14 जून को दो हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को नियंत्रित करने पर ही बातचीत किया जाएगा।

वहीं इस बीच पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में महाराष्ट्र व दिल्ली की सरकारों ने गंभीरता पूर्वक काम नहीं किया है। जिसका कारण है दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हुआ है। पप्पू वर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी में कारण महाराष्ट्र और दिल्ली की हालत सबसे ज्यादा बदतर है।वहीं इस महामारी के काल में दिल्ली और महाराष्ट्र के राज्य सरकारों द्वारा राजनीति की जा रही है दोनों राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार को नीचा दिखाने के चक्कर में बीमारी को फैलने से रोकने में गंभीरता पूर्वक काम नहीं किया जिसका परिणाम है की मौत का सबसे ज्यादा आंकड़ा इन दोनों प्रदेशों में है।

दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार छुपा रही वायरस से हुए मौत का सही आंकड़ा

वर्मा ने कहा कि दोनों प्रदेशों के राज्य सरकारों ने अन्य प्रदेशों के श्रमिक मजदूर, प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे हैं नौजवान मजदूर , फुटकर दुकानदार, रिक्शा ठेला चला कर किसी तरह अपने जीवन यापन के लिए जुग्गी में रह रहे हैं गरीब मजदूर परिवारों के बीच अफवाह फैलाकर उनको वहां से भगाने में इस करोना महामारी को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। इसके बावजूद आज भी इन दोनों राज्यों के सरकारों द्वारा दोनों प्रदेशों में कोरोना वायरस से हुए मौत का जो सही आंकड़ा है उसे भी केंद्र और देश के नागरिकों से छुपाने का काम किया जा रहा है। परंतु किसी ना किसी तरह अब सच के नागरिकों के सामने है, और दोनों प्रदेशों के राजनीतिक मानसिकता व घटिया राजनीति परत दर परत भी खुल रहा है ।

देश के कुल आंकड़े में इन दोनों राज्यों का आधा भागीदारी

वर्मा ने कहा कि पूरे देश भर में संक्रमण का जो आंकड़ा है उसमें आधा से ज्यादा आंकड़ा इन दोनों प्रदेशों को मिलाकर है। आज महाराष्ट्र के उद्धव सरकार द्वारा महामारी के बीच मानवता के नाते भी दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को घर पहुंचाने में मदद नहीं किया जा रहा है।वहीं इस मुसीबत के समय गरीब मजदूरों के साथ खड़ा रहकर मानवता का मिसाल पेश करने वाले बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को राजनीतिक मानसिकता से ग्रसित होकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

सोनू सूद को बताया जा रहा दूसरे पार्टी का एजेंट

सोनू सूद द्वारा निस्वार्थ भाव से लोगों को सेवा करने की उनके जज्बे को सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। उनको दूसरे पार्टी का राजनीतिक एजेंट बता कर उनके सेवा कार्य को महाराष्ट्र की सरकार राजनीतिक रंग देना चाह रही है। अपने नाकामियों को छुपाने के लिए लोगों को महामारी में मददगार बनकर उभरे सोनू सूद को बेवजह उन्हें तंग करके लोगों को मदद पहुंचाने से रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार एड़ी, चोटी का जोड़ लगाए हुए है। आज महाराष्ट्र सरकार की घृणित मानसिकता को पूरा देश देख भी रहा है, और समझ भी रहा है।

लोगों को बरगलाने का काम कर रही दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार

पप्पू वर्मा ने दिल्ली के केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा महामारी के बीच देश को बरगलाने, बीमारी का आंकड़ा छुपाने, बार-बार झूठ बोलने व अपनी जिम्मेदारी को केंद्र सरकार पर थोपने के कारण दिल्ली आज मरघट का केंद्र बना है। आज दिल्ली में बीमारी के कारण हर तरफ चीख-पुकार मचा है, प्रदेशवासियों को भोजन कराने व सामग्री पहुंचाने के नाम पर जबरदस्त रूप से पैसों का बंदरबांट किया गया है। दिल्ली प्रदेश की सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार के दलदल में डूब कर देश का पैसा लूटने का काम किया है।

वर्मा ने कहा कि दोनों प्रदेश की सरकार वैश्विक महामारी को  प्रदेशों में फैलाने में अहम भूमिका का निर्वहन किया है। आज दोनों प्रदेश कोरोना के कहर से कराह रहा है। वर्मा ने कहा कि महामारी को देखते हुए दोनों प्रदेश के लोगों की जान माल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार को कठोर कदम उठाकर अविलंब दोनों प्रदेशों में राष्ट्रपति शासन लगा कर दोनों प्रदेश की जनता को स्वस्थ और सुरक्षित करना चाहिए।