भागलपुर :नोवेल कोरोना वायरस से फैली बीमारी जो एक वैश्विक महामारी का रुप ले चुकी है और जिससे भारत भी अछूता नहीं है। ऐसे में सक्षम लोग बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान कर रहे हैं, ताकि इस महासंकट से निपटने में कोई आर्थिक परेशानी नहीं हो। बिहार में भी इस महामारी ने पैर पसारे हैं।
इसी कड़ी में तिलकामान्झी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. अवध किशोर रॉय ने मार्च महीने का अपना पूरा पेंशन मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान करने का निर्णय लिया है। वे इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं, शिक्षक भी रहे और यहीं से सेवानिवृत्त भी हुये हैं। सेवानिवृत्ति के बाद कुलपति को इसी विश्वविद्यालय से पेंशन प्राप्त होता है। टीएमबीयू शिक्षक संघ भूस्टा एवं भूटा द्वारा पहले ही मार्च के एक दिन का वेतन अंश दान करने का निर्णय लिया जा चुका है। कुलपति ने इस निर्णय का संज्ञान लेते हुये भूस्टा अध्यक्ष डॉ. डीएन राय एवं भूटा के अध्यक्ष डॉ. मिहिर मोहन मिश्र को धन्यवाद दिया है। कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकेत्तर कर्मियों से भी अपील की है कि वे भी मार्च महीने के एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर इस महासंकट से मुकाबले में सहयोग करें। कुलपति ने सेवानिवृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों से भी मार्च के महीने में से एक दिन का पेंशन मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत को ऋषि-मुनियों, ईश्वर भक्ति और ज्ञान-ध्यान प्रधान देश बताते हुए आशा व्यक्त की कि देश इस महासंकट से उबरेगा।
उल्लेखनीय है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए यूजीसी के निदेशक द्वारा 28 मार्च 2020 को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राहत कोष में अंशदान हेतु एक अनुरोध पत्र प्रेषित किया है। उक्त जानकारी टीएमबीयू पीआरओ प्रो. शंभू दत्त झा ने दी। प्रो. झा ने आगे बताया कि इसके साथ ही कुलपति ने आमजनों से निवेदन किया कि वो इस लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें। यह उनके और उनके परिजनों के सुरक्षा हेतु ही है। बेवजह लोग सड़कों पर ना निकलें। इस विषम परिस्थिति में सरकार के हरेक गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।