चीन ने दुनिया को ‘मॉलेक्यूलर वार’ में धकेला, हथियार का नाम ‘कोरोना’! जानिए पूरी बात
कोरोनावायरस का प्रकोप चीन से निकलकर दुनिया के 179 देशों में फैल चुका है। वहीं दूसरी ओर चीनी शहर वुहान से इस वायरस की शुरूआत हुई, लेकिन आश्चर्यजनक रूप में चीन की राजधानी बीजिंग और आर्थिक राजधानी शांघाई में यह वायरस नहीं फैला। मार्च के अंतिम सप्ताह में अमेरिका, यूरोप व दक्षिण एशिया के देशों में कोविड-19 से हजारों लोग मर रहे हैं और 4 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। इन देशों की अर्थव्यवस्था बैठ गई है। ऐसे में चीनियों द्वारा जश्न मनाना और शेयर खरीदना दुनिया को खटक रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस को ‘चीनीवायरस’ कहा, तो चीन को बुरा लग गया। लेकिन, ट्रंप भी अपने कथन पर अडिग हैं। उधर, 17 मार्च को पाकिस्तान के राष्ट्रपति के चीन दौरे पर चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने उनके हाथ मिलाया, जबकि अमेरिका व यूरोप समेत सारी दुनिया हाथ मिलाना छोड़कर नमस्ते कर रही है।। इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर कोराना पीड़ित देशों में कहा जाने लगा कि वुहान के पास के बीजिंग/शंघाई (करीब 1000 किमी दूरी) में कोरोना का कोई प्रभाव नहीं है। लेकिन, 8600 किमी दूर इटली, 5600 किमी दूर ईरान और 12000 किमी दूर अमेरिका आदि देशों में लोगों की मृत्यु और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही, जबकि चीन के सभी व्यापारिक क्षेत्र सुरक्षित हैं।
कोरोना से तबाह यूरोपिय देशों से 30 लाख डॉलर की दवा व उपकरण का आॅर्डर चीन को मिला है। यानी अपने ही द्वारा फैलाए वायरस के कारण दवा बेचकर चीन मालामाल होगा। सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा है कि कल तक विश्व पर न्यूक्लीयर वार का खतरा था। लेकिन, जिस तरह से कोरोना का प्रसार हुआ और द्वितीय विश्वयुद्ध में हुए नुकसान से भी अधिक का नुकसान हो चुका है, उससे यह संदेश जा रहा है कि न्यूक्लीयर वार के बाद अब चीन ने दुनिया को मॉलेक्यूलर वार में धकेल दिया है। कुछ तो गड़बड़ है। अमेरिका ऐसे ही नहीं चीन को दोष दे रहा।
अब विश्व बिरादरी चीन से निम्न सवाल पूछ रही है—
1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी?
2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में क्यों छुपाया?
3) कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?
4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?
5) दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया?
6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में “बीझिंग (चीन)” में क्या कर रहे थे?
7) “किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है” ….ऐसा ट्वीट 11 जनवरी तक WHO करता रहा। क्यों? आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है, तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला?
8) वुहान से एकसाथ 50,00,000 लोगों को बिना मेडिकल जांच किए “दुनिया के अलग-अलग हिस्से में” क्यों भेजा गया?
9) इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एकाएक चीनी ‘हम चीनी हैं वायरस नहीं, हमें गले लगाइए।’ प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल ‘सिटी ऑफ लव’ के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे?
10) पूरी दुनिया आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और ताज्जुब देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह महज संयोग है?
उपर्युक्त प्रश्नों के अलावा सचिव स्तर और राजदूत स्तर पर चीन से वार्ता जारी है। इस बीच खबर आयी है कि कोविड के खिलाफ अमेरिकी लैब ने टेस्टिंग सिस्टम तैयार कर लिया है। इस आधार पर कोविड की दवा या टीका भी बनेगा। लेकिन, बहरहाल कोरोनावायरस के डर से बीच दुनिया चीन की हरकतों को संदेह की निगाह से देख रही है। देर—सबेर चीन को इस सवालों का जवाब देना होगा।