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बिहार सरकार ग्रीन बजट पर किए गए काम का केंद्र सरकार से कराए ऑडिटिंग ,तब बनाए नई योजना – पप्पू वर्मा

पटना : बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जल,जीवन हरियाली कार्यक्रम चलाया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास है। इस योजना पर पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि बिहार सरकार का अति महत्वाकांक्षी योजना जल,जीवन,हरियाली मिशन “ग्रीन बजट”पर किए गए काम का ऑडिटिंग केंद्र सरकार की एजेंसी से कराकर ही इस योजना पर आगे की रणनीति बनानी चाहिए।

जल जीवन हरियाली मिशन बिहार सरकार का शानदार योजना

वर्मा ने कहा कि जल जीवन हरियाली मिशन बिहार सरकार का शानदार योजना है।यह बहुत ही सराहनीय कदम है।यह बिहार में सड़क निर्माण और बिहार के विकास में कट चुके पेड़ों, सुख चुके नहर, तालाबों,एवं नदियों के लिए पुनर्जीवित करने वाला योजना है। बिहार सरकार द्वारा कहा गया है कि इस योजना पर बजट लाकर बिहार वासियों के लिए योजना के तहत 1,66,962 जल संरचना,18840 आहर,28013 पईन और 1,16,000 हजार कुआं का निर्माण करवाया जाएगा।

बिहार सरकार के पास नहीं है बेहतरीन व्यवस्था

इसके साथ ही जल स्रोतों का निर्माण वर्षा जल संचयन की सुविधा जैविक खेती इत्यादि कई काम इस योजना के तहत किया जाना है। इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार सरकार इन योजनाओं के माध्यम से अच्छा प्रयास एवं अच्छा काम करना चाह रही है। परंतु दुर्भाग्य है कि बरसात का भी शुरुआत होने वाला है और इन योजनाओं का भी सख्त जरूरत है लेकिन बिहार सरकार इस योजना को लेकर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है । पर्यावरण व अन्य योजनाओं पर जिस तरह की गंभीरता और समर्पण की जरूरत है वह अभी सरकार के प्रयासों में नजर नहीं आ रही इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है बिहार सरकार की बदहाली वाला व्यवस्था। जिसके कारण आज कहीं ना कहीं सरकार के अच्छे प्रयासों का भी दम घुटता हुआ दिख रहा है।

नई योजना बनाने से पूर्व पुरानी योजनाओं का करें जांच

वर्मा ने कहा कि बिहार सरकार को आगे की कोई योजना बनाने से पूर्व इन योजनाओं पर कहां तक काम हुआ है इन सभी बातों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए स्वतंत्र एजेंसी से सभी कामों का जांच करवा कर ही इन योजनाओं पर आगे का काम हो ताकि बिहार वासियों को पता चल सके की इन योजनाओं पर पैसा कहां-कहां अभी तक खर्च हुआ है व इन सभी कामों के गति देने में रुकावट बने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को चिन्हित कर आगे की कार्ययोजना पर प्लान करना चाहिए। ताकि बिहार का पैसों का बंदरबांट होने से बच सकें व सही दिशा में इन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर काम हो और उसका असर संपूर्ण बिहार में देखने को मिले