9 अप्रैल : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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दरभंगा में एनडीए प्रत्याशी गोपालजी ने दो सेट में किया नामांकन

दरभंगा : मिथिलांचल की राजधानी कही जाने वाली दरभंगा लोकसभा सीट से आज राजग प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर ने पुनः दो सेट में नामांकन दाखिल किया। उनके प्रस्तावक हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी और पूर्व मेयर अजय पासवान बने। दोनों प्रस्तावक दरभंगा लोकसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए तय किये गए हैं। सत्यनारायण गामी दरभंगा के वैश्य समाज में अपनी पैठ रखते हैं तो दूसरी ओर अजय पासवान दलितों के बीच लोकप्रिय हैं। दरभंगा सीट से पिछली बार भाजपा के टिकट पर कीर्ति आजाद जीते थे। भाजपा से निष्कासन के बाद इस बार वे झारखंड के धनबाद से चुनाव लड़ रहे हैं।

 

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भारतीय संस्कृति का मूल, धर्म व आध्यात्म

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय एवं श्यामा मन्दिर न्यास समिति के संयुक्त तत्वावधान में विविध धर्म व अध्यात्म विषय पर आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन सोमवार को आधार पुरुष व्याकरण के चर्चित विद्वान व साहित्य अकादमी से पुस्कृत डॉ शशिनाथ झा ने कहा कि धर्म व अध्यात्म ही तो मूल रूप से भारतीय संस्कृति का आधार है। इसी धार्मिक व आध्यात्मिक अवधारणाओं के कारण भारत विश्व गुरु कहलाया था।

उन्होंने समझाया कि चूंकि मानव भौतिक शरीरधारी है इसलिए सांसारिक आधारित आध्यात्म आज के लिए ज्यादा उपयोगी है। जगदम्बा योगमाया समस्त प्रकृति की मूल में है। ऐसे में स्वाभाविक है कि अध्यात्म का मूल भी वे ही हैं।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि अपने व्याख्यान के माध्यम से डॉ झा ने विविध उद्धरणों से धर्म व अध्यात्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अध्यात्म के बिना मनुष्य कभी भी सुख, शान्ति, समृद्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इस भौतिकता वादी समाज मे तो आज अध्यात्म बहुत ही जरूरी हो गया है। भगवती श्यामा समस्त जनसमुदाय को अभीष्ट की प्राप्ति करानेवाली हैं। इसलिए इस नवरात्र में उनकी सतत आराधना करनी चाहिए।

उन्होंने विषय पर केंद्रित होते हुए कहा कि धर्म एवं अध्यात्म में बहुत ही सूक्ष्म भेद है। धर्म अकसर बाहरी या प्रत्यक्षतः गतिविधि है जबकि अध्यात्म विशुद्ध रूप से आंतरिक मामला होता है जिसका अनुभव व्यक्ति स्वयं कर सकता है। अंत मे डॉ झा ने निष्कर्षतः कहा कि भौतिकता एवम दैविकता से युक्त अध्यात्म ही लोकोपयोगी है।

मालूम हो कि व्याख्यान के वाद डॉ राघव झा ने भागवत के दुर्गा प्राकट्य प्रसंग पर कथा का विस्तार किया तथा प्रो. विद्येश्वर झा ने आज के विचारो का सारांश प्रस्तुत करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ चौधरी हेमचन्द्र राय के मंच संचालन में आयोजित कार्यशाला के सहसंयोजक प्रो. पुरेन्द्र वारिक ने विषय प्रवर्तन किया एवं डॉ राजेश्वर पासवान ने अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर पत्रकार विनोद कुमार, दयकान्त मिश्र, विद्यानन्द मिश्र, डॉ रामनारायण मिश्र समेत कई भक्तजन मौजूद थे।

मुरारी ठाकुर/डा. शंकर लाल

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