पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार ने बिहार के सभी जिलों में लॉक डाउन का फैसला किया है। सड़कों, बाजारों, बस पड़ाव आदि जगहों पर भीड़ देखकर ऐसा लगता है कि सरकार मोबाइल से चल रही है। अधिकांश अधिकारी लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए सड़क पर नजर नहीं आ रहे हैं। सड़कों पर पुलिस के द्वारा वसूली जारी है। लोग अपने घरों से बाहर घूम रहे हैं। सड़कों पर टहल रहे हैं। जनजीवन आम दिनों की तरह सामान्य नजर आ रही है। लोग इस तरह बाहर निकले हुए हैं, जैसे लगता हो आज साप्ताहिक छुट्टी यानी रविवार हो। क्योंकि रविवार को अधिकतर दुकानें बंद रहती है और लोग सड़कों पर घूमते हैं। सब्जीमंड में और दिनों की तुलना ज्यादा लोग दिख रहे हैं।
बिहार में लॉक डाउन को विफल होते देख भाजपा के फायरब्रांड नेता एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि कुछ लोगों की मनमानी पूरे मुल्क पर भारी पड़ सकती है। लिहाजा बिहार सरकार से मेरा आग्रह है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे राज्य में यथाशीघ्र कर्फ्यू की घोषणा करे। इस अतिसंवेदलशील मामले पर उन्होंने प्रामाणिक आंकड़े रखते हुए कहा कि प्रदेश में जितने मंदिर, मस्जिद या अन्य वैसे जगह जहां ज्यादा लोग रहते हों उस जगह को आइसोलेशन वार्ड बना दीजिये। राय ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि पटना के पाटलिपुत्र में जो उनका घर है उसे आइसोलेशन सेंटर बना दीजिये। इसकी जानकारी उन्होंने सरकार तथा अपने संगठन को दे चुके हैं। लेकिन, इनके इस प्रस्ताव के बाद शायद कोई राजनीतिक विवाद न खड़ा दे।
मालूम हो कि बिहार सरकार ने कोरोना के कारण पटना समेत 118 शहरों को लॉक डाउन कर दिया गया है। लॉक डाउन को लेकर जारी आदेश के अनुसार बिहार के सभी शहरी मुख्यालय, जिला मुख्यालय, अनुमंडल, ब्लॉक, निजी प्रतिष्ठान निजी कार्यालय, सार्वजनिक परिवहन सभी जगह को 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन में मेडिकल दुकान, डेयरी, किराना दुकान, पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, फल व सब्जियों की दुकानें खुली रहेगी।