थरथरी/नालंदा: नालंदा जिलांतर्गत थरथरी के एक निजी नर्सिंग होम में डाक्टरों की लापरवाही से एक महिला की जान पर बन आई है। पैसा बनाने के चक्कर में प्रइवेट अस्पताल किस कदर लापरवाह हो गए हैं इसकी मिसाल इस निजी नर्सिंग होम में सिजेरियन आँपरेशन के वाद देखने को मिली। आॅपरेशन के बाद प्रसवन्ना गांव निवासी श्रवण कुमार की पुत्री गुडिया कुमारी की तबीयत इस कदर विगड़ गई कि उसे पटना रेफर करना पड़ा जहां के एक अस्पताल में वह जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। गुडिया के पति औंगारी थाना क्षेत्र के पारिख गांव निवासी भुषण कुमार ने नर्सिंग होम संचालक अमरेन्द्र कुमार, उनकी नर्स पत्नी ज्योति कुमारी तथा कंपाउंडर मंटू कुमार के विरूद्ध थरथरी थाना में मामला दर्ज कराया है।
आॅपरेशन के दौरान पेट में छोड़ा धागा, बच्चेदानी भी निकाली
भूषण कुमार ने पुलिस को बताया कि प्रसव कराने के लिए अमरेन्द्र कुमार प्रसवन्ना जाकर गुडि़या कुमारी को यह कहकर राजी कर लिया कि ऑंपरेशन की नौबत आने पर बाहर से डाक्टर बुलवा लेंगे। बीते 13 नवम्बर को आॅपरेशन कर बच्चा निकाल दिया गया और इसके बाद अस्पताल ने बिल बनाने के लिए इलाज के नाम पर महिला को वहां भर्ती रखा। फिर एक सप्ताह बाद घर भेज दिया। लेकिन महिला की तबीयत दिन—ब—दिन बिगड़ती रही। परिजनों ने फिर बिहारशरीफ में दूसरे चिकित्सक से बात की तो पता चला कि आॅपरेशन के दौरान मरीज के पेट में धागा छोड़ दिया गया है। डाक्टर ने सलाह दिया कि गलत आॅपरेशन के कारण मरीज की जान को खतरा है। फिर पटना के एक निजी नर्सिंग होम में उसे भर्ती कराया गया जहां जांचोपरांत चिकित्सक ने बताया कि न सिर्फ गलत तरीके से आॅपरेशन हुआ है, बल्कि बच्चेदानी भी निकाल दी गई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मालूम हो कि इस नर्सिंग होम में कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक नहीं हैं।
(कुमुद रंजन सिंह)