यहां चिराग के नीचे भी अंधेरा, ऊपर भी अंधेरा

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बोधगया : हम जानते हैं कि चिराग तले अंधेरा होता है। लेकिन यदि वही अंधेरा चिराग के ऊपर हावी हो जाए तो इसे सभ्यता का ह्रास ही कहेंगे। चिराग के ऊपर यह अंधेरा हावी हुआ है ज्ञान की भूमि बोधगया में। जिस भूमि पर महात्मा बुद्ध ने आत्मबोध का प्रकाश प्राप्त किया, उसी बोधगया के निकट गंगा बिगहा गांव में सर्प काटने से मृत एक व्यक्ति को पुनर्जीवित करने के लिए 36 घंटे तक तंत्र—मंत्र का भौंडा खेल खेला गया। वह भी हजारों की भीड़ के सामने, खुलेआम।
इंटरनेट के इस आधुनिक युग में तंत्र—मंत्र पर भरोसा, वह भी अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाली ज्ञानभूमि बोधगया में, बहार वाले बिहार के लिए घोर पीड़ा!

दफनाए शव को कब्र से बाहर निकाल तंत्र—मंत्र

प्राप्त जानकारी के अनुसार बोधगया के गंगा बिगहा गांव में शुक्रवार को 40 वर्षीय संतोष पासवान की मौत सांप के काटने से हो गई। शुक्रवार को सुबह सांप ने उसे काटा और शाम तक डॉक्टर के पास उसका ईलाज चला। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद उसे दफना दिया गया। तभी किसी तांत्रिक के संपर्क में उसके परिजन आये तथा उसके कहने पर शव को पुनः कब्र से निकाल लिया और झाड़—फूंक तथा तंत्र—मंत्र करने में लग गए। महाने नदी के किनारे मां स्वरस्ती के प्राचीन में शव को रख तंत्र—मंत्र चलताा रहा। उनके इस कृत्य में परिवार के सदस्यों और गांव वालों ने भी भरपूर सहयोग किया। करीब दिनभर और रातभर यह सारा खेल चलता रहा तथा हजारों की भीड़ उस मंदिर को घेरे रही जहां यह सारा खेल हो रहा था। फिलहाल गांव में तरह—तरह की अफवाहें फ़ैल रही हैं। लेकिन जहां 21वीं सदी के लोग आदिम लोगों सा व्यवहार करने में व्यस्त थे, वहीं स्थानीय प्रशासन भी इस मामले से पूर्णत: बेखबर रहा।

swatva

(अखिलेश कुमार)

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