पटना : जैसे शिक्षक बच्चों की बुनियाद मज़बूत करते हैं, वैसे ही अभियंता शहरों में नए-नए भवनों और इमारतों के निर्माण की बुनियाद रखते हैं। बिहार सरकार में भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हज़ारी ने आज ज्ञान भवन में इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के बिहार चैप्टर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि देश मे जितने भी विकास होते हैं उसमें अभियंताओं की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिस समय मैं पढ़ता था उस समय और आज के समय में ज़मीन-आसमान का अंतर आ गया है। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले भी बिहार में सरकार थी। लेकिन उस समय बिहार के बारे में कहा जाता था कि बिहार में सिर्फ बालू और गंगा ही बचे हैं। लेकिन 2005 के बाद आई सरकार ने विकास का संकल्प लिया और आज की तारीख में बिहार कहां से कहां पहुंच गया है। ज्ञान भवन, बापू सभागार, सरदार पटेल भवन जैसे भवनों की बिहार में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। इसके लिए में उन सभी अभियंताओं, आर्किटेक्ट, का विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाया, क्योंकि बिना उनके सुंदर शहर या इमारत की कल्पना करना बेमानी होगी। बिहार सरकार इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस की हरसंभव मदद करेगी। महेश्वर हज़ारी ने अभियंताओं से अपील की कि शहर में ज़मीन कम होने की वजह से कुछ ऐसी तकनीक का विकास किया जाए जिसमें गरीबों को भी छत नसीब हो सके। कोसी का इलाका जो विकास से कोसों दूर थे, और वहां जाने में पहले 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ता था, कुशल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट की मेहनत से अब महज़ 40-50 किमी की दूरी में सिमट गया है।
इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस बिहार चैप्टर के सचिव प्रदीप मित्तल ने कहा कि नई तकनीक आने की वजह से बहुत से निर्णाण से जुड़े काम लोग नहीं जानते हैं। ऐसी मशीने बन गईं हैं जिनको चलाना बहुतों को नहीं आता है। लेकिन इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के पास ऐसे लोग हैं, विशेषज्ञों की पूरी टीम है जो उन्हें वो सारे गुर सिखायेगी जो आजकल ट्रेंड में है।
(मानस दुबे)