विद्या भारती के कार्यकर्ता चुनौतियों में से संभावनाओं एवं अवसरों को तलाश कर कार्य करें- ख्याली राम
मुंगेर: विश्व के अंदर कोरोना महामारी से संकटकाल की स्थिति बनी हुई है। इस संकट की स्थिति को समस्या मानने के बजाए इसे चुनौती के रूप मे स्वीकार कर इसमें से संभावनाओं एवं अवसरों को तलाशें एवं उसके अनुसार कार्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी। संकट की इस स्थिति में संघ से प्रेरित संगठन विद्या भारती के छात्र एवं पूर्व छात्र परिषद से जुड़े कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे सेवा कार्य के कारण भारतीय संस्कृति का सम्पूर्ण विश्व में एक सम्मानजनक स्थान बना है।
कहा भी गया है ‘नर सेवा नारायण सेवा‘। इसलिए समाज में सेवा का काम, सहयोग का काम एक दूसरे के प्रति बना रहे। आत्म संयमित जीवन बीताने की आदत, सामूहिक जीवन जीने के आदत बने। इसके लिए प्रत्येक दिन परिवार के लोगों के साथ सामूहिक भोजन करें। घर का संस्कार पक्ष मजबूत हो इसके लिए प्रतिदिन कुछ समय के लिए परिवार के सभी लोगों के साथ सामूहिक भजन-कीर्तन एवं स्वस्थ रहने के लिए रोज योग व्यायाम करें।
ये बातें विद्या भारती के पूर्व छात्र की प्रांतीय परिषद की ऑनलाइन बैठक में सम्मिलित छात्रों को संबोधित करते हुए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम ने कही। आगे उन्होने कहा कि इस चुनौती में समाज स्वाबलम्बी बने एवं अपने बल पर खड़ा हो जिसमें स्वदेशी का भाव ‘अपना देश अपनी माटी‘ को जोड़कर तथा अपने हीं संसाधनों के आधर पर एवं विदेशों पर आश्रित न रहते हुए, काम को खड़ा करने का अवसर हमें मिला है।
उन्होंने कहा कि हमें विदेशी चीजों का बहिष्कार तथा अपने देश में निर्मित वस्तुओं का हीं उपयोग करना चाहिए। चिकित्सा के क्षेत्र में भी स्वदेशी चिकित्सा पद्वति का हीं उपयोग करना चाहिए। इससे राष्ट्रभक्ति का निर्माण होगा तथा देश मजबूत बनेगा। उन्होनें विद्या भारती के ऐसे विद्यालय जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं को आर्थिक सहायता करने की भी अपील पूर्व छात्रों से की। उन्होने कहा कि विद्या भारती द्वारा पूर्व छात्र को लेकर पोर्टल बनाया गया है । जिसमें अभी तक लगभग एक लाख पचास हजार छात्र जुड़ चुके हैं। आप स्वयं एवं अपने साथ पढ़ने वाले छात्रों को भी इससे जोड़ने का प्रयास करें ताकि संगठन द्वारा हो रहे सेवा कार्यों की अद्यतन जानकारी आपको मिल सके।
छात्रों को संबोधित करते हुए विद्या भारती के राष्ट्रीय सहमंत्री कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि आप विद्या भारती के राजदूत हैं। इसलिए आप पर बहुत बड़ा सामाजिक दायित्व है। आपसे हीं विद्या भारती की पहचान होती है। आप जैसा कार्य करेंगे समाज में विद्या भारती की छवि वैसी हीं बनेगी। अभी पूरा समाज कोरोना जैसे अदृश्य बीमारी से जूझ रहा है जिसमें बहुत हीं सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए रोज आसन, प्रणायाम,योग एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गये सुझाव का पालन करें। उन्होनें स्वदेशी अपनाने पर जोड़ दिया तथा पूर्व छात्रों से विद्यालय एवं समाज को इस संकट की घड़ी में मदद करने की अपील की। आगे उन्होने कहा कि दूसरे राज्यों से लौट रहे मजदूरों के पास जैसे- फल, सब्जी, सिलाई, गैरेज आदि की कुशलता के आधार पर उन्हें रोजगार करने में मदद करें।
मौके पर उपस्थित भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव गोपेश कुमार घोष ने कहा कि विद्या भारती के पूर्व छात्र इस विषम परिस्थिति में समाज में विभिन्न तरीकों से सेवा का कार्य रहें हैं यह खुशी की बात है। इसके लिए उन्होने सभी छात्रों को बधाई दी।
पूर्व छात्रों के द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव जैसे-रक्त दान करने वाले लोगों के समूह का निर्माण, घर वापस आ रहे मजदूरों के लिए लघु उद्योग की व्यवस्था, छात्रों को मुफ्त में शिक्षा की व्यवस्था तथा केन्द्रीयकृत फंड की व्यवस्था करने की बात कही गई। इस बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 38 छात्रों ने भाग लिया।
बैठक का आयोजन एवं सफल संचालन पूर्व छात्र परिषद के क्षेत्रीय सहप्रमुख राकेश नारायण अम्बष्ठा के द्वारा किया गया।