विदेशी मीडिया से मुखातिब हुए संघप्रमुख; आरक्षण, राममंदिर,समलैंगिकता से लेकर 370 पर दो टूक

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में विदेशी मीडिया के 80 पत्रकारों के साथ करीब ढाई घंटे तक संवाद किया। पत्रकारों ने संघप्रमुख से राममंदिर, अर्थव्यवस्था, आरक्षण, अनुच्छेद 370, एनआरसी, मॉब लिंचिंग, यूनिफॉर्म सिविल कोड आदि मुद्दों पर सवाल पूछे।

हम आरक्षण का समर्थन करते हैं। लेकिन, इसका उचित क्रियान्वयन होना चाहिए

मोहन भागवत ने विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों को आरएसएस के विजन और कार्यों की जानकारी दी। जानकारी देने के पश्चात् सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। संघप्रमुख ने आरक्षण के सवाल पर कहा कि हम आरक्षण का समर्थन करते हैं। लेकिन, इसका उचित क्रियान्वयन होना चाहिए। एनआरसी से संबधित सवाल पर संघप्रमुख ने कहा कि संघ के तरफ से कहा गया कि यह लोगों को बाहर निकालने के लिए नहीं बल्कि, यह लोगों को चिन्हित करने के लिए है। केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित सिटिजिनशिप अमेंडमेंट बिल का संघ ने समर्थन किया। हिन्दुओं के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि भारत के अलावा दुनिया में और कहीं हिंदुओं को स्थान नहीं है। इसलिए एक भी हिन्दुओं को बाहर नहीं निकाला जाएगा।

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एकता और अखंडता की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा

संघप्रमुख ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पहले कश्मीरियों को अलग-थलग करने की कोशिश हुई थी। लेकिन,370 हटने के होने के बाद अब ऐसा नहीं होगा। एकता और अखंडता की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा, जम्मू-कश्मीर के लोगों को जमीन और नौकरियां खोने का जो डर है उसे दूर किया जाएगा।

हर भारतीय हिंदू है

राम मंदिर के मसले पर संघप्रमुख ने कहा कि यह सिर्फ पूजापाठ का मामला नहीं है। यह जन्मस्थान से जुड़ा मामला है। बैठक में उन्होंने कहा कि हर भारतीय हिंदू है। मॉब लिंचिंग के बारे में जब विदेशी पत्रकारों ने सवाल किया तो संघप्रमुख ने कहा कि संघ हर तरह की हिंसा का निंदा करता है तथा स्वयंसेवक ऐसी हिंसा रोकने की कोशिशें करें। यदि कोई स्वयंसेवक दोषी पाया जाता है तो कानून अपना काम करेगा।

आरएसएस कभी राजनीतिक संगठन नहीं बनेगा।

समलैंगिकता के मसले पर संघप्रमुख ने कहा कि समलैंगिकता को असमानता के तौर पर नहीं देखना चाहिए। उन्हें भी समाज में बराबरी का जगह मिलना चाहिए। पत्रकारों ने जब संघप्रमुख मोहन भगवत से पुछा कि क्या आरएसएस राजनीतिक पार्टी बनेगी तो संघप्रमुख ने कहा कि आरएसएस कभी राजनीतिक संगठन नहीं बनेगा। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर संघ ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं लेकिन, आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था के सवाल पर मोहन भागवत ने कहा कि हम तो एक्सपर्ट नहीं हैं लेकिन,अर्थव्यवस्था यूपीए की तरह नहीं रहेगी इसमें परिवर्तन होगा।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह माननीय सुरेश (भय्याजी) जोशी, सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य, डॉ. कृष्णगोपाल, उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त और दिल्ली प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा उपस्थित थे।

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