वाल्मीकिनगर जंगल में लगी आग, पर अफसर को पता तक नहीं

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Fire breaks out in Valmikinagar Tiger Project area

संजय उपाध्याय

वाल्मीकिनगर बिहार की एकमात्र व्याघ्र परियोजना में आग लगी है। अर्थात दावानल, पर, इसके स्थानीय अधकारियों को जानकारी नहीं है। ये कोई हास्यास्पद अथवा कोई व्यंग्य नहीं है, बल्कि, कठोर सच है।
इस परियोजना के अन्तर्गत आने वाली गोवश्धना पहाड़ी के जंगलों में लगी आग अभी बुझी ही थी कि वाल्मीकिनगर जंगल दावानल की चपेट में आ गया। आग अभी भी लगी है।
इस संबंध में पूछने पर परियोजना के मुख्य वन सरंक्षक हेमन्त कान्त राय ने चकित होते हुए बताया कि उन्हें दावानल की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में आग लगी हैए वहां तुरंतआवष्यक उपकरणों के साथ द को भेज रहे हैं।
वैसे, आग वहां करीब छह वर्गमील में पिछले 24 घंटे से ही लगी है। बावजूद, मुख्य वन सरंक्षक को जानकारी नहीं होना हैरतअंगेज है। मतलब, घर में आग लगी और मालिक को पता नहीं।
बता दें कि वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियोजना देश की प्रमुख परिोजनाओं में एक है। इसमें बाघों की संख्या में इस साल अप्रत्याशित वृद्वि हुई है। 22 से संख्या बढ़कर 32 हो गई है। दूसरी ओर जानकारों का मानना है कि अगर इसी तरह आग लगने का सिलसिला जारी रहा, तो बाघ नेपाल स्थित चितवन पार्क में भाग सकते हैं। पहले भागते भी थे। और उन बाघों पर नेपाल सरकार अपना दावा भी करती रही है। पर, अब उस पर दावा नहीं कर सकती क्योंकि वाल्मीकिनगर में पाये जाने वालें बाघों का डीएनए विश्व में सबसे अलग है।
बहरहाल, मिली जानकारी के अनुसार जटाशंकर वनक्षेत्र-02 में भयानक आग लगी है, जिससे कई वन प्राणि को क्षति पहुंचने की बात कही जा रही है।

swatva

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