पटना/ दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सर्विसेज 2020 की आयोजित होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को कोरोना महामारी व लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए स्थगित कर दिया है। इसकी अगली तारीख़ आयोग द्वारा स्थिति को देखते हुए 20 मई को घोषित की जाएगी। संघ लोक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 31 मई को निर्धारित की गई थी। पर इसको लेकर लगातार शंशय बनी हुई थी।
अरविंद सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने यह बताया कि परीक्षा की अगली तिथि का अभी निर्धारण नहीं हुआ है परिस्थितियों को देखते हुए इसकी घोषणा 20 मई को की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा के आयोजन के 30 दिन पहले इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न हुई समस्या को देखते हुए कई छात्रों ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की आग्रह की थी। केंद्रीय मंत्री ने छात्रों को इस संबंध में आश्वस्त किया था कि उनके हितों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जायेगा।
Civil Services (Preliminary) Examination 2020 deferred in the wake of #Lockdown situation. Fresh dates to be notified in due course. #UPSC #DoPT pic.twitter.com/3OrPjp5d57
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) May 4, 2020
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस निर्णय से इस वर्ष की भर्ती प्रक्रिया में देरी हो सकती है। प्रारंभिक परीक्षा एक बड़ी एक्सरसाइज होती है, जिसमें परीक्षा केंद्रों की संख्या काफी ज्यादा होती है। आपको बता दें कि नई तारीखों को लेकर स्थिति साफ न होने के कारण उम्मीदवारों में बैचेनी सी होने लगी थी। उम्मीदवार यह भी सोच रहे थे कि इस देरी की वजह से मुख्य परीक्षा में समय को घटाया जाएगा।
आपको बता दे कि आयोग ने इस वर्ष 796 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था इन रिक्तियों की भर्ती सिविल सर्विसेज 2020 के जरिए की जाएगी। इसके लिए करीब 10 लाख लोगों ने आवेदन किया है। औसतन करीब 7 लाख उम्मीदवार परीक्षा में बैठेंगे। परीक्षा तकरीबन 2500 केंद्रों में आयोजित होती है और इसके आयोजन में करीब 1.6 लाख लोग लगते हैं। परीक्षा के आयोजन की तैयारी छह माह पहले ही शुरू हो गई थी।
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने परीक्षा केंद्रों की पहचान कर ली है। इनमें से ज्यादातर स्कूल हैं और कुछ कॉलेज हैं। लिस्ट में से करीब 2500 केंद्रों का चयन किया गया है। लेकिन लिस्ट में शामिल काफी स्कूलों को अब क्वारंटाइन केंद्रो में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा आयोग को अभ्यर्थियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को लेकर भी सोचना होगा।