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उपेंद्र के राजग से नाता तोड़ते ही रालोसपा में बगावत

पटना : रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आज एनडीए से नाता तोड़ने के बाद अब रालोसपा में बगावत शुरू हो गई है। रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मुख्य प्रवक्ता भगवान सिंह कुशवाहा ने पटना में कहा कि श्री उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए ने पद और सम्मान दोनों ही दिया। पार्टी के कम सांसद रहते हुये भी उन्हें केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री का पद दिया गया। ऐसी स्थिति में उनका राजग से अलग होने का निर्णय बिल्कुल गलत है।

रालोसपा उपाध्यक्ष भगवान कुशवाहा ने खोला मोर्चा

बिहार के पूर्व मंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने श्री उपेंद्र कुशवाहा को काफी तरजीह दी है। इसी तरह एनडीए के घटक जदयू ने श्री उपेंद्र कुशवाहा को कभी भी अपमानित नहीं किया है। श्री कुशवाहा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें भाई की तरह मान-सम्मान दिया करते थे। उन्होंने कहा कि श्री कुशवाहा की मुख्यमंत्री श्री कुमार से नाराजगी सिर्फ दिखावे के लिए है। उन्हें कभी अपमानित नहीं किया गया है। रालोसपा उपाध्यक्ष ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता श्री उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के फैसले के साथ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि श्री उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए से नाता तोड़ने का निर्णय काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी उन्हें एनडीए के साथ बने रहना चाहिए था क्योंकि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की गति काफी तेज है और आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मौजूदा सरकार में विकास के इतने अधिक कार्य हुए हैं।

भाजपा और जदयू की जमकर प्रशंसा

श्री कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गरीब-गुरबों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे रही है और इसके लिए कई योजनाएं भी चला रही है। आने वाले समय में केंद्र की इन योजनाओं का लाभ लोगों को दिखाई पड़ने लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री उपेंद्र कुशवाहा का बहुत सम्मान करते थे। श्री कुशवाहा से प्रधानमंत्री ने इस्तीफा नहीं मांगा है बल्कि उन्होंने स्वयं त्यागपत्र दिया है। पार्टी के सभी पुराने साथी और कार्यकर्ता एवं विधायक चाहते थे कि एनडीए की मजबूती के लिए वह काम करें। रालोसपा उपाध्यक्ष ने कहा कि श्री उपेंद्र कुशवाहा के राजग से अलग होने के फैसले के खिलाफ पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के साथ वह बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने अपने कार्यकाल में बिहार की बेहतरी के लिए जो काम किया है वह अपने आप में एक मिसाल है। श्री कुशवाहा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कार्यकर्ताओं और समर्थकों की राय के बाद वह जदयू में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “मैं नीतीश मंत्रिमंडल का सदस्य भी रह चुका हूं इसलिए उनकी बेहतर कार्यशैली से परिचित हूं।”
पूर्व मंत्री ने कहा कि पार्टी के चेनारी से विधायक ललन पासवान और हरलाखी से विधायक सुधांशु शेखर श्री उपेंद्र कुशवाहा के इस फैसले से नाराज हैं। इन दोनों का कहना है कि यह निर्णय लेकर श्री कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है।

विधायक ललन पासवान व सुधांशु शेखर का मिला साथ

इस बीच रालोसपा विधायक ललन पासवान ने अपनी पार्टी के विधायक सुधांशु शेखर की उपस्थिति में कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुशवाहा का राजग से नाता तोड़ने का कोई अर्थ नहीं निकलता है क्योंकि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। दोनों विधायक राजग में मजबूती के साथ बने हुये हैं।
श्री पासवान ने कहा, “हमारे नेता भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार से होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में श्री शेखर को रालोसपा की ओर से मंत्री बनाया जाने का आग्रह किया है।
रालोसपा विधायक ने कहा कि रालोसपा के विधान पार्षद् संजीव श्याम सिंह भी श्री उपेंद्र कुशवाहा के निर्णय के साथ खड़े नहीं हैं। श्री सिंह भी मजबूती के साथ राजग में हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में रालोसपा के दो ही विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर हैं जबकि विधान परिषद् में एकमात्र सदस्य श्री सिंह हैं।