पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार ने बिहार के सभी जिलों में लॉक डाउन का फैसला किया है। सरकार ने पटना समेत 118 शहरों को लॉक डाउन कर दिया गया है। लॉक डाउन को लेकर जारी आदेश के अनुसार बिहार के सभी शहरी मुख्यालय, जिला मुख्यालय, अनुमंडल, ब्लॉक, निजी प्रतिष्ठान निजी कार्यालय, सार्वजनिक परिवहन सभी जगह को 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन में मेडिकल दुकान, डेयरी, किराना दुकान, पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, फल व सब्जियों की दुकानें खुली रहेगी।
लॉक डाउन को लेकर बिहार सरकार सिर्फ आदेश जारी कर घर में कैद हो गई है। सड़कों, बाजारों, बस पड़ाव आदि जगहों पर भीड़ देखकर ऐसा लगता है कि सरकार मोबाइल से चल रही है, अधिकांश अधिकारी लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए सड़क पर नजर नहीं आ रहे हैं। सड़कों पर पुलिस के द्वारा वसूली जारी है। लोग अपने घरों से बाहर घूम रहे हैं। सड़कों पर टहल रहे हैं। जनजीवन आम दिनों की तरह सामान्य नजर आ रही है। लोग इस तरह बाहर निकले हुए हैं, जैसे लगता हो आज साप्ताहिक छुट्टी यानी रविवार हो। क्योंकि रविवार को अधिकतर दुकानें बंद रहती है और लोग सड़कों पर घूमते हैं। सब्जीमंड में और दिनों की तुलना ज्यादा लोग दिख रहे हैं।
लॉक डाउन की अधिसूचना जारी होने के बाद पटना में स्वत्व की टीम ने सभी क्षेत्रों का जायजा लिया। बिहार की राजधानी पटना में लॉक डाउन के दौरान दो चेहरे दिखाई पड़े, एक वह जो राजधानी पटना का रिहायशी इलाका है या ऐसा चित्र है यहां बाहर से पढ़ने वाले लड़के आते हैं, कोचिंग संस्थान का इलाका है, जनता कर्फ्यू के बाद लॉक डाउन के समय भी इन इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा।
राजेंद्र नगर रामअवतार गोलंबर से आगे बढ़ते हुए जब आप दिनकर गोलंबर तक आते हैं तो धीरे-धीरे माहौल में अंतर आने लगता है, मछुआ टोली में कल के विपरीत कल्याणी जनता कर्फ्यू के विपरीत थोड़ी बदली हुई स्थिति थी, लोग सड़क पर थे और इक्का-दुक्का मछली की दुकान भी सड़क पर खुली थी, मछुआ टोली से जब हम आगे बढ़ते हैं तो गोविंद मित्रा रोड मिलता है।
सब्जीबाग में चकल्लस
यहां भी भीड़-भाड़ की स्थिति है गोविंद मित्रा रोड से आगे बढ़कर जब सब्जी बाग में प्रवेश करते हैं तो स्थिति अत्यंत भयावह दिखती है, यह कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में जो चिंता है उसका लेशमात्र भी दिखाई नहीं पड़ता। लोग सड़कों पर हैं, खुले में मांस भी बिक रहे हैं, लोग एक दूसरे से टकरा रहे हैं, जबकि इस मोहल्ले के बारे में सूचना यह है कि यहां मिडिल ईस्ट से बहुत सारे लोग कोरोना वायरस के बाद पहुंचे हैं। फोटोग्राफी करने पर लोग बौखला उठते हैं मारपीट तक की धमकी दी जाती है। यदि ऐसा रहा तो सरकार के लॉक डाउन का आह्वान विफल होगा ही लेकिन यह सब के लिए घातक होगा। कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।