स्वाति नक्षत्र में दिवाली पर इस तरह करें मां लक्ष्मी का आवाहन, जानें पूजा विधान
पटना : रौशनी का त्योहार दिवाली आज कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पूरे देश में उमंग—तरंग के बीच मनाया जा रहा हे। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। आज स्वाति नक्षत्र में दिवाली होने से मां लक्ष्मी की अपने भक्तो पर विशेष कृपा बरसेगी। यानी, इस बार दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात होगी। साथ ही इस बार दीपावली पर महासंयोग बन रहा है। तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग और छोटी-बड़ी दीवाली एक साथ। स्वाति नक्षत्र रात्रि 08 बजकर 9 मिनट तक रहेगा और इसी नक्षत्र में बड़ी दिवाली मनाई जाएगी। आइए जानते हैं क्या है दिवाली पूजा का विधान और शुभ मुहूर्त।
दीपावली पूजा के शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से शाम 7:30 तक ( वृष, स्थिर लग्न)।
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक।
महानिशीथ काल मुहूर्त ( काली पूजा)।
महानिशीथ काल मुहूर्त्त: रात्रि 11:39 से 00:32 तक।
सिंह काल मुहूर्त्त: रात्रि 12:15 से 02:19 तक।
व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजा और चौघड़िया मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित: दोपहर 12:09 से शाम 04:05 तक।
दोपहर: (लाभ, अमृत) 14 नवंबर की दोपहर 02:17 से शाम को 04:07 तक।
मां लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
सबसे पहले पूजा का संकल्प लें। श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी के सामने एक-एक करके सामग्री अर्पित करें। इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी के दीए प्रवज्जलित करें।
ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें।
एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें।
श्री यंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें।
देवी सूक्तम का पाठ करें।
मुख्य दरवाजे पर जलाएं दीपक
दिवाली की रात लोगों को देसी घी का दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए।यही वह स्थान है जहां से महा लक्ष्मी का आग्मन होगा। आपको धन के स्थल यानी आपकी दुकान या घर की तिजौरी के पास भी इस दिन दीपक जलाना चाहिए। तिजौरी के पास दिवाली के दिन जरूर दीपक रखें। वाहन भी हमारी संपत्ति हैं इसलिए इस दिन कार, बाइक के थोड़ी दूर भी दीपक जलाना चाहिए। आपके घर जहां पानी आता है उस जगह भी दीपक जलाया जाता है। यह भी आपके लिए लक्ष्मी का ही रूप है। इसके साथ ही रसोई घर जो आपकी अन्नपूर्णा है, दीपक जलाना चाहिए।