स्वास्थ्य,शिक्षा और रोजगार में खर्च हो विशेष आर्थिक राशि का अधिकांश हिस्सा – पप्पू वर्मा

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पटना : पूरे देश में कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी के रूप में फैल चुका है। इस वैश्विक महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक मदद राशि का ऐलान किया गया है। जिसके बाद पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देशवासियों के हितों में दिए गए 20 लाख करोड़ के बड़े बजट की राशि को स्वास्थ्य,शिक्षा और रोजगार में इस राशि का अधिकांश हिस्सा खर्च होना चाहिए।

पंचायत स्तर पर भी हो कार्य

पप्पू वर्मा ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि अभी सबसे ज्यादा जरूरत पूरे देश को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की है। वैश्विक महामारी के समय जब पूरी दुनिया अपने-अपने देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ व मजबूत बनाने में लगे हुए हैं,वहीं भारत सरकार को भी चाहिए स्वास्थ,शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भारत को मजबूत बनाया जाए। भारत के पास अभी समय है की इस बड़े बजट को इन सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर इन्वेस्ट किया जाए देश में पंचायत स्तर पर आधुनिक सभी उपकरणों से लैस सरकारी अस्पताल हो, प्रत्येक जिला में सुपर स्पेशलिस्ट प्रत्येक अस्पताल हो।पंचायत में आधुनिक रूप से व्यवस्थित प्लस टू स्कूल हो रोजगार हेतु आधुनिक देसी गायों का गौशाला, मछली पालन ,कृषि एवं स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा हुआ पंचायत स्तर पर ही रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।

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अवस्था का कारण पलायन को मजबूर जनता

वर्मा ने कहा कि आज देश को सबसे ज्यादा जरूरत इन सभी मूलभूत सुविधाओं की है। देश के कई पंचायतों में अस्पताल तो हैं लेकिन व्यवस्थित नहीं है, सरकारी विद्यालय तो हैं लेकिन इनमें व्यवस्थाओं का काफी अभाव है आज भी स्कूल का सरकारी भवन जर्जर अवस्था में है भवन है तो बिजली की पर्याप्त व्यवस्था नहीं साफ-सुथरे शौचालय नहीं इन सभी अव्यवस्थाओं के कारण आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन सभी सुविधाओं के लिए शहर की ओर जाने पर विवस है।

आज इन्ही सभी अव्यवस्थाओं के कारण गांव से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है। आज जो सेवा का क्षेत्र शिक्षा और स्वास्थ्य था वह व्यवसाय का रूप ले लिया आज पढ़ने के लिए प्राइवेट स्कूल प्राइवेट अस्पताल, गायों को जहरीली इंजेक्शन लगा कर दूध का रोजगार, खेती से आमदनी कम व रोजगार के संसाधनों की कमी के कारण रोजगार के लिए शहर की ओर पलायन का प्रचलन बड़े पैमाने पर शुरू हुआ।

आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़े भारतवासी

जिसका परिणाम जब देश इस महामारी के समय मुसीबत में आया तब लोगों को ध्यान आया कि इन सभी चीजों का कितना अभाव है। अभी समय है चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलते हुए हम सभी मिलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़े। केंद्र व राज्यों के सरकारों को अभियान के रूप में लेकर इन सभी समस्याओं का समाधान करते हुए इन सभी संसाधनों से देशवासियों को व्यवस्थित करें ।

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