लोकसभा चुनाव शुरू हो चुका है। लेकिन, विभिन्न दलों में प्रत्याशियों को लेकर खींचतान अब भी जारी है। बिहार के शिवहर लोकसभा सीट के लिए महागठबंधन की ओर प्रत्याशी का विवाद अभी थमा नहीं है। वहीं, अब शिवसेना ने शिवहर सीट से प्रभु नारायण को चुनावी समर में उतार दिया है। 25 साल से भाजपा के कार्यकर्ता रहे प्रभु नारायण ने शिवसेना प्रत्याशी के रुप में 17 अप्रैल को नामांकन दाखिल कर चुनाव के मैदान में कूदने का निर्णय किया है। जाहिर सी बात है शिवसेना के आने से वोटों का समीकरण बदलेगा।
स्वत्व समाचार से विशेष बातचीत में प्रभु नारायण ने बताया कि जिस प्रकार से पिछले 10 वर्षों से स्थानीय सांसद रमा देवी के द्वारा कार्यकर्ताओं एवं आम जनता की उपेक्षा की गई है, उससे काफी आक्रोश है। इसलिए जनता और कार्यकर्ताओं से राय—विचार करने के बाद शिवसेना से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। प्रभु का कहना है कि पिछले दस वर्षों से क्षेत्र की उपेक्षा की गई और विकास अवरुद्ध हो गया। बेलवाघाट डैम्प सड़क के शिलान्यास के बाद कोई काम नहीं हुआ। अदौरी खोरीपाकर पुल निर्माण के लिए लोग आज भी आंदोलन कर रहे हैं। फुलवरिया घाट पुल और सड़क पिछले दस वर्षो से अधर में लटका हैं।सभी सड़कों का हालत जर्जर हैं। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजी रोजगार के क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ। जनता लाचार एवं बेबस रही कोई सूधी नहीं ली गई सो आज मुझे चुनाव के मैदान में उतरना पड़ा।
प्रभु नारायण के अनुसार, 2009 में रमा देवी यहां से पहली बार सांसद चुनी गई थीं। 2014 में जब उन्हें दूसरी बार टिकट मिला तब भी स्थानीय जनता व भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया था। फिर अब 2019 में उन्हें भाजपा नेतृत्व ने तीसरी बार टिकट दिया है। यह जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की अनदेखी है। रमा देवी को लेकर क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है। लेकिन, दुर्भाग्य है कि भाजपा नेतृत्व इस बात को नहीं समझ पा रहा। हमने यहां तक कहा था कि अगर रमा देवी की जगह किसी अन्य उम्मीदवार को भाजपा टिकट देती है, तो हम भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। अब शिवहर के विकास के लिए तथा स्थानीय कार्यकर्ताओं का मान रखने के लिए उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
प्रभु नारायण पे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जैसे सधारण व्यक्ति पर भरोसा कर ठाकरे ने शिवहर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। यह शिवहर के लोगों को सम्मान देने जैसा है। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में शिवहर की जनता सही प्रत्याशी को विजयी बनाएगी।
उधर, चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, शिवसेना द्वारा प्रभु नारायण को प्रत्याशी बनाए जाने से दो स्तर पर वोटों का बिखराव होगा। पहला, रमा देवी व प्रभु नारायण दोनों वैश्य समाज से आते हैं। इनका वोट दोनों में बंटेगा। क्षेत्र के सवर्ण रमा देवी से नाराज चल रहे हैं। महागठबंधन द्वारा मुस्लिम उम्मीदवार उतारने से विकल्प न होने की स्थिति में सवर्णों का वोट भी प्रभु नारायण को मिल सकता है।