यह तीसरी बार है जब इस मामले में छेड़छाड़ किया गया
मुजपफरपुर शेल्टर होम की जांच कर रहे डीआईजी अभय कुमार सिंह के ताबादला हो जाने से मामला संदिग्ध होने लगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देेश है कि अपने किस्म के इस संगीन अपराध की जांच की दिशा में किसी भी तरह का छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। जानकारी मिली है कि डीआईजी अभय कुमार सिंह का आर्थिक अपराध कोषांग कोलकाता में तबादला कर शंटिंग पोस्ट दे दिया गया है।
पटियाला जेल के कई अधिकारी बर्खास्त
वैसे, अपनी रसूख के कारण विभिन्न जेलों की यात्रा कर रहे मुख्य अभियुक्त ब्रजेश पर आरोप है कि उसने जांच को प्रभावित करने के लिए हर कोशिश की। लेकिन, मामला देश की परिधि को भी लांघ जाने के बाद वह असहाय हो गया और वह पंजाब स्थित पटियाला जेल केन्द्रीय जेल चला गया। पटियाला जेल में उसके साथ बंद अपराधियों द्वारा कुकृत्य के बाद बैठी जांच कमिटी में सभी जेलकर्मियों को बर्खास्त हो जाने की खबर मिली है।
ईडी और इनकम टैक्स की भी चल रही जांच
इस संबंध में बता दें कि ब्रजेश ठाकुर की पूरी संपत्ति फ्रीज कर दी गई है। सीबीआई के अतिरिक्त ईडी व इनकम टैक्स की भी जांच चला रही है। अब, सवाल उठता है कि ब्रजेश के कहने पर हवाला के माध्यम से उसकी मां मनोरमा देवी ने किस स्रोत से 15 और दूसरी किश्तों में 7 लाख की राशि भिजवायी।