Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured चम्पारण बिहार अपडेट

चीनी की कड़वाहट; ‘मोहन’ नहीं, मोदी ने मोहा मन

महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही चंपारण की धरती पर स्वत्व टीम ने अपने ‘लोकसंवाद’ कार्यक्रम के तहत वहां के लोगों का चुुनावी मिजाज की टोह लेने की कोशिश, तो यही बात सामने आयी कि पूर्वी चंपारण के लोग अपने सांसद से नाराज हैं। लेकिन, देशहित में मोदी के नाम पर वोट करेंगे। मोतिहारी शहर के आसपास के इलाकों केसरिया, कोटवा, कल्याणपुर, पिपरा आदि में लोगों से केंद्र सरकार के पांच साल के कामकाज पर राय पूछी गई।
जुड़ावन साव कहते हैं कि राधामोहन सिंह सिर्फ यहां के सांसद नहीं, बल्कि भारत के कृषि मंत्री भी हैं। पांच साल केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद वे यहां पर एक चीनी मिल नहीं खुलवा सके, इससे बड़ी दुख की बात क्या होगी।
साथ में खड़े युवा राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि पूर्वी चंपारण जिले के चारों चीनी मिल बंद हैं। विवश होकर किसानों को गोपालगंज के सिधवलिया चीनी मिल में गन्ना बेचने जाना पड़ता है। वहां के स्थानीय लोग ट्रैक्टर का टायर काट देते हैं। आज के समय में भी मात्र सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना बेचने को मजबूर हैं।
राकेश बोल ही रहे होते हैं कि इसी बीच अधेड़ जगदीश पांडेय आ जाते हैं और आक्रोशित स्वर में कहते हैं कि चंपारण के किसानों ने एकड़ के एकड़ गन्ने की तैयार फसल को आग लगा दिया। खून—पसीने से तैयार की हुई फसल को अपने आंखों के सामने जलता देखना कितना कष्ट देता है, इसकी कल्पना सिर्फ किसान ही कर सकता है। किसान मर रहे हैं। लेकिन, हमारे सांसद को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
चिरकुट मुखिया कहते हैं कि नरेंद्र मोदी पहली बार मोतिहारी आए, तो चीनी मिल चालू करने का वादा किया और साथ यह भी कहा कि अगली बार आएंगे, तो यहीं के चीनी मिल की चीनी से बनी चाय वीकर जाएंगे। चार साल बीतने के बाद वे दोबारा आए जरुर, लेकिन न तो चीनी मिल चालू हुआ और न ही लोगों को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचने दिया गया। उनके कार्यक्रम पर जितना खर्च हुआ, उतने में तो चीनी मिल चालू हो गया ​होता।

पूर्वी चंपारण से ग्राउंड रिपोर्ट

2 COMMENTS

  1. बहुत ही प्रगतिशील और सराहनीय प्रयास।

  2. सदा सत्य और लोकहित के लिए काम करने की जरूरत है।

Comments are closed.