नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न(NRC) वैसा रजिस्टर जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। एनआरसी की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख- रेख में असम में हुई थी। फ़िलहाल यह असम के आलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं है।
एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि फिलहाल देश भर में लागू करने की कोई योजना नहीं है। संसद में एक लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ‘अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार करने का कोई फैसला नहीं लिया है’। ज्ञात हो कि बजट से पहले संसद के दोनों सदनों में दिए गए संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीएए को ऐतिहासिक फैसला बताया था और कहा था कि इसके जरिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा पूरी की गई है। लेकिन, उन्होंने एनआरसी का कोई जिक्र नहीं किया था .
मालूम हो कि बीते साल असम में एनआरसी लागू हुई थी। तथा इस सूची में 19 लाख से अधिक लोग नहीं हैं, इनमें से करीब 14 लाख हिंदू हैं। मतलब अभी तक उन्हें भारत का नागरिक नहीं माना गया है।