Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

सहनी का तेजस्वी को चुनौती, कहा : ब्रांडेड जूता उतारकर मेरे साथ तालाब में उतरिए

पटना : बिहार में दो विधानसभा सीटों पर आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने वाला है। वहीं, कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार भी जारी है। इसी कड़ी में अब बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मछली पकड़ने का वीडियो जारी होने के बाद सियासी रंग फिर से तेजी से चढ़ने लगा है।

मुकेश सहनी का तेजस्वी को चुनौती

दरअसल, बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव का मछली पकड़ते हुए यह विडियो विधानसभा क्षेत्र का है। जब वे चुनाव प्रचार कर लौट रहे थे तभी खेतों में घूमते और तालाब में मछली मारते बच्चों को देखकर तेजस्वी खुद को रोक नहीं सके और मछली मारने लगें। वहीं, तेजस्वी ने मछली मारने पर अब बिहार में राजनीति तेज हो गयी। इसे लेकर बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया। पहले जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने तेजस्वी पर हमला बोला अब एनडीए सरकार में बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने इसे लेकर तेजस्वी को चुनौती दे डाली है।

मछुआरे को मछली पकड़ने में कितना मेहनत

बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि “तेजस्वी जी मछली पकड़ने का इतना ही शौक है तो चमकदार कुर्ता-पैजामा, ब्रांडेड जूता उतारकर मेरे साथ तालाब में उतरिए, तब समझ में आएगा कि एक मछुआरे को मछली पकड़ने में कितना मेहनत लगता है। खैर, मछुवारे समाज को 2020 में आपके द्वारा पीठ में भोंका खंजर अच्छे से याद है।

मछली पकड़ने का नाटक राजनीतिक अविश्वास

वहीं,इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि “पढ़ाई में कक्षा छोड़कर 9वीं फेल रहे वैसे ही जनता से मुंह चुराकर मछली पकड़ने का नाटक राजनीतिक अविश्वास सिद्ध होगा 2020 में सरेआम मत्स्यजीवी समाज के नेता व वर्तमान कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी की बेइज्जती सबको याद है, ढ़ोंग मत करिए प्रवासी बाबू, लोग जागरूक हैं।”

मल्लाह समाज से माफी मांगे ललन

वहीं, सत्तारूढ़ दलों द्वारा लागतार विपक्ष के नेता पर लगाए जा रहे आरोप पर तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर जोरदार हमला बोला है ” मत्स्यजीवी समाज को कम आत्मविश्वास वाला और मछली पकड़ने को हेय काम बताने वाले नीतीश कुमार के ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’ को पूरे मल्लाह समाज से माफी मांगनी चाहिए। ये जेडीयू-बीजेपी वाले अपनी सामंती सोच को बस किसी तरह दबा, छुपा कर बैठे हैं। रह-रहकर वंचितों के प्रति जहर इनके मुंह से निकलता ही रहता है।”